सांसद पचौरी व पूर्व विधायक रघनंदन भदौरिया ने खतरनाक कोविड-19 की महामारी के बीच किया शासन प्रशासन के निर्देशों का खुला उलंघन, भीड़ जुटाकर नहीं किया भौतिक दूरी का पालन
स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में ,शासन प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं
कानपुर, पंकज कुमार सिंह। कोविड-19 से पैदा हुई महामारी ने दुनियांभर में हाहाकार मचा रखी हैं। छूत की यह बीमारी लोगों के जीवन के लिए खतरनाक साबित हो रही है। दुनियां में अब तक लाखों लोग इस महामारी में अपनी जिंदगी गवां चुके है और लाखों की तादाद में लोग कोविड-19 से संक्रमित होकर जीवन और मौत की लड़ाई में जूझ रहे हैं। लेकिन कानपुर के सांसद सत्यदेव पचैरी और पूर्व विधायक रघुनन्दन भदौरिया को यह कौन समझाए? यह नेता खुद लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे। जनता के बीच माननीय का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद इस महामारी के बीच जनता को क्या संदेश दे रहे हैं यह यक्ष प्रश्न है। यहीं देश के प्रधानमंत्री मोदी के सोशल डिस्टेंसिंग/भौतिक दूरी और लाॅकडाउन के आवाहन को भी ठेगा दिखा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल फोटो लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। जिसमें गरीबों को राशन वितरण और भोजन की व्यवस्था के दौरान कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी और पूर्व कैंट विधायक रघुनंदन भदौरिया भीड़ जुटाकर एक दूसरे से सटे खड़े हैं। इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग/भौतिक दूरी का कोई खयाल नहीं रखा गया। और तो और मास्क तक उतार रखे हैं। यहां प्रश्न लाजमी है कि भीड़ जुटाने और कार्यक्रम आयोजन की अनुमति कैसे मिली? स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। पिछले दिनों सिंगर कनिका कपूर के कोविड-19 संक्रमण से ही इनको सीख लेनी चहिए। गौरतलब है कि शहर में संक्रमण के बढ़ते केस और 13 हाॅटस्पाॅट के साथ शहर में संपूर्ण लाॅकडाउन में यह चिंता का विषय है।