मिशन शिक्षण सवांद टीम से जुड़े शिक्षक बच्चों को दे रहे व्हाट्सएप के माध्यम से शिक्षा।
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन ने जिले के परिषदीय विद्यालयों के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। बीएसए सुनील दत्त के निर्देश के बाद जिले के दसों ब्लॉकों में बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। सर्वविदित है कि विद्यालयों में अप्रैल माह से नये सत्र की शुरुआत होनी थी परन्तु लॉकडाउन की वजह से सरकार द्वारा सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिये गये हैं किंतु बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिए सरकार ने सभी स्कूल कॉलेज व विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दियें हैं। इसी के तहत शिक्षक कक्षावार व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमें बच्चों को पढ़ने के लिये मैटेरियल भेज रहे हैं। पढ़ाई की सामग्री की वीडियो भी बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर दी जाती है। बच्चे सुविधानुसार मैटेरियल पढ़कर अध्ययन करते हैं और वीडियो देखकर उन्हें समझने की कोशिश करते हैं। इसके बाद उन्हें जो चीजें समझ में नहीं आती हैं उन पर वे व्हाट्सएप के जरिए अपने अध्यापक से सवाल करते हैं। अध्यापक भी व्हाट्सएप से ही उन सवालों के जवाब दे देते हैं। इससे बच्चों की ज्यादातर समस्याएं हल हो जाती हैं।वर्तमान समय में जनपद में ई-पाठ्शाला, दीक्षा एप, व्हाट्सएप ग्रुप, मिशन शिक्षण सवांद आदि के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण कार्य किया जा रहा है। अभिभावकों को फोन काल व सदेंश के माध्यम से घर पर ही रहने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। टीम मिशन शिक्षण सवांद द्वारा बताया गया कि समूह के 30 साथियों द्वारा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रतिदिन इसी प्रकार शिक्षण कार्य किया जा रहा हैं।इन व्हाट्सएप के समूहों मे विद्यालय के बच्चों के माता पिता, रसोईयों, विद्यालय प्रबंध समिति सदस्यों, माता समूह के सदस्यों के अतिरिक्त शिक्षित ग्रामीण वर्ग को भी शामिल किया गया है। मिशन टीम से प्राप्त अभ्यास प्रश्न तथा शिक्षकों द्वारा स्वयं तैयार किये गये अभ्यास पश्नों को इन समूहों में भेज दिया जाता हैं। बच्चे उक्त प्रश्नों को अपनी कॉपी मे हल करके उसकी फोटो खींचकर अभिभावकों के सहयोग से विद्यालय समूह मे भेज देते हैं। शिक्षक फोटो एडिटर के माध्यम से कापी जाँच कर बच्चों के लिए प्रोत्साहन व सुधार के लिए आवश्यक कमेंट लिख कर पुनः समूह में भेज देते हैं।
सरवनखेड़ा बीईओ आशा कनौजिया ने बताया कि हमारे जनपद में अधिकांश बच्चे गरीब तबके के हैं उनके यहाँ ऑनलाइन शिक्षण हेतु संसाधन उपलब्ध नहीं हैं फिर भी जिनके यहाँ मल्टीमीडिया मोबाइल या रेडियो है उन्हें ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे अपने घरों में सुरक्षित रहते हुए भी ज्ञानार्जन कर सकते हैं क्योंकि अब दूरदर्शन के चैनल डीडी यूपी पर ऑडियो कंटेंट के तहत ‘मीना की दुनिया’ और ‘आओ अंग्रेजी सीखें’ कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है।
सरवनखेड़ा बीईओ आशा कनौजिया ने बताया कि हमारे जनपद में अधिकांश बच्चे गरीब तबके के हैं उनके यहाँ ऑनलाइन शिक्षण हेतु संसाधन उपलब्ध नहीं हैं फिर भी जिनके यहाँ मल्टीमीडिया मोबाइल या रेडियो है उन्हें ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे अपने घरों में सुरक्षित रहते हुए भी ज्ञानार्जन कर सकते हैं क्योंकि अब दूरदर्शन के चैनल डीडी यूपी पर ऑडियो कंटेंट के तहत ‘मीना की दुनिया’ और ‘आओ अंग्रेजी सीखें’ कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है।