कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। आने वाले दिनों में आपको परिषदीय स्कूलों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यहां बच्चों को ही नहीं बल्कि गुरुजी को गले में आईडी कार्ड लटकाकर स्कूल आने का निर्देश दिया गया है। इसके पीछे मंशा यह है कि आइडी कार्ड पहनने से शिक्षक व शिक्षिकाओं की पहचान सार्वजनिक स्थलों पर भी आसानी से हो सकेगी।
समग्र शिक्षा राज्य परियोजना के निदेशक ने बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित विद्यालयों के शिक्षकों, अनुदेशकों व शिक्षामित्रों के लिए पहचान पत्र बनवाए जाने के संबंध में टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है। इसके लिए अधिकतम 50 रुपये प्रति कार्ड की दर से धनराशि शासन ने अवमुक्त कर दी है और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पहचान पत्र प्रत्येक शिक्षक, अनुदेशक व शिक्षामित्र को मुहैया कराया जाये। शिक्षक प्रत्येक कार्य दिवस पर इसे अपने साथ रखेंगे। परिचय पत्र की व्यवस्था लागू होने पर किराए पर शिक्षक रखकर पढ़ाई कराना महंगा पड़ सकता है दरअसल पूर्व में कई बार ऐसे मामले भी पकड़ में आ चुके हैं जब नियुक्त शिक्षक की जगह पर किराए का शिक्षक पढ़ाते मिला है। स्कूलों में निरीक्षण के दौरान अधिकारी परिचय पत्र से शिक्षकों का सत्यापन कर सकेंगे।मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों को आवंटित यूनिक कोड के अनुसार परिचय पत्र तैयार किया जायेगा। लैमिनेटेड परिचय पत्र में मानव संपदा पहचान संख्या, शिक्षक का नाम, पदनाम, पिता या पति का नाम, जन्मतिथि, स्कूल का नाम, ब्लॉक का नाम, मोबाइल नंबर और ब्लड ग्रुप का उल्लेख रहेगा। निदेशक ने निर्देश दिया है कि पहचान पत्र एक माह के अंदर बनवाना सुनिश्चित करें।
जिले में कुल विद्यालय- 2278
शिक्षक – 4978
शिक्षामित्र – 1896
अनुदेशक – 224
कुल – 7098
जिले में कुल विद्यालय- 2278
शिक्षक – 4978
शिक्षामित्र – 1896
अनुदेशक – 224
कुल – 7098