Saturday, November 23, 2024
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अहमदाबाद में आयकर विभाग का तलाशी अभियान

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने रियल इस्टेट डेवलपर ग्रुप और उस ग्रुप से जुड़े दलालों के खिलाफ 28 सितंबर को तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान 22 आवासीय और व्यापारिक परिसरों को खंगाला गया।
रियल इस्टेट ग्रुप पर छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज, कागजात, डिजिटल सबूत आदि बरामद किये गये और उन सबको जब्त कर लिया गया। इन सबूतों में ग्रुप के ऐसे कई लेन-देन का पता लगा, जिनका कोई हिसाब-किताब नहीं था। ये सारा लेन-देन तमाम वित्तवर्षों के दौरान किया गया था। दस्तावेजों से पता लगता है कि 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम को जमीन खरीदने में खर्च किया गया, जिसका कोई हिसाब नहीं है। इसके अलावा 100 करोड़ रुपये से अधिक रकम की जमीन की खरीद की नकद रसीदें भी मिलीं। इनका भी कोई हिसाब नहीं था। इन सारे कागजात को जब्त कर लिया गया है। पिछले कई वर्षों के दौरान खरीदी जाने वाली सम्पत्तियों के मूल दस्तावेज भी बड़ी संख्या में बरामद किये गये। साफ तौर पर ये सारे मूल दस्तावेज बेनामी हैं।
​दलाल के यहां की गई छापेमारी में ऐसे दस्तावेज बरामद हुये हैं, जिनमें नकदी भुगतान और चेक से किये गये भुगतान का ब्योरा मिलता है। ये सारे भुगतान जमीन की खरीद-बिक्री वाले लेन-देन से सम्बंधित हैं। दस्तावेजों से पता चलता है कि सम्बंधित दलाल ने ही ये लेन-देन किये हैं।
बरामद दस्तावेजों से पता चलता है कि इन लेन-देन से रियल इस्टेट ग्रुप को 200 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय हुई है। इसी तरह दलालों के पास से जब्त किये गये दस्तावेजों से पता चलता है कि दस्तावेजों में दर्ज पक्षों को भी 200 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय हुई है। कुल मिलाकर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई में 500 करोड़ रुपये से अधिक का बिना हिसाब-किताब वाला लेन-देन पकड़ा गया है।
तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान 24 लॉकरों का भी पता चला, जिन्हें सील कर दिया गया है। अब तक लगभग एक करोड़ रुपये नकद और 98 लाख रुपये के जेवरात जब्त किये गये हैं।
तलाशी और जब्ती अभियान अभी चल रहा है तथा आगे और तफ्तीश जारी है।