ढाबा संचालक कोतवाली पुलिस की धमकी देकर ग्राहकों से करते हैं मनमानी और अभद्रता
पवन कुमार गुप्ता: ऊंचाहार, रायबरेली। कोतवाली क्षेत्र के कुछ ढाबों पर अवैध तरीके के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है जैसे बीकरगढ़ चौराहे के समीप जनता ढाबा,अप्पू ढाबा ऐसे ना जाने कितने ढाबे हैं। जहां पर अवैध तरीके के कार्यों को संपादित किया जाता है और तो और पुलिस प्रशासन शांतिपूर्वक बैठकर उनकी क्रिया कलापों को अपनी निगाहों से देखता भी है। इसके बावजूद उन्हें वहां से चाय नाश्ता पानी इत्यादि की व्यवस्था ढाबा संचालक द्वारा कराई जाती है। जिसके तहत पुलिसकर्मी ढाबा संचालकों पर कार्यवाही करने की बजाय उन पर मेहरबान होते हैं।उनके द्वारा या ढाबा संचालकों द्वारा किए गए कार्यों पर पर्दा डालने का कार्य कोतवाली पुलिस पूरी तरह से करती है।यहां तक कि इन ढाबों पर ग्राहकों से मनमानी तरीके से पैसे वसूल किए जाते हैं यहां तक कि मनमाना व्यवहार भी किया जाता है ज्यादा बोलने पर बातचीत के दौरान ग्राहकों से अभद्रता भी की जाती है। ग्राहक के विरोध करने पर कोतवाली पुलिस की धमकी देते हुए उसे या तो अभद्रता करते हुए भगा दिया जाता है या तो शांत करा दिया जाता है ऐसे में सवाल उठता है कि इन ढाबा संचालकों पर कौन कार्यवाही कर सकता है। शाम ढलते ही प्रदूषण का दंश झेलते ग्रामीण:-
पाबंदी के बावजूद अपने फायदे के लिए नगर के ऊंचाहार से सलोन मार्ग पर ढाबा संचालक लगातार मनमानी कर रहे हैं।नगर से गुजरे सलोन मार्ग पर बीकरगढ में भी ढाबे संचालित हैं जहां की भट्ठियों में धड़ल्ले से कोयला जलाया जा रहा। एनजीटी का आदेश दरकिनार कर प्रतिदिन यहां की फिजां में कोयले का धुआं जहर बनकर घुल रहा है जिसे अधिकारी नजरंदाज कर रहे। खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा और इसकी वजह से सुबह के वक्त व शाम होते ही कोहरे की तरह जमा धुएं का गुबार शहर में सांस लेना मुश्किल कर रहा। शाम ढलते ही मुख्य मार्ग में संचालित ढाबे धुआं उगलने लगते हैं और वातावरण में फैलने लगती है। धुएं से जहां पर्यावरण का नुकसान हो रहा है,वहीं आसपास रहने वाले नागरिकों को श्वास संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।