Wednesday, November 27, 2024
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कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने बजट 2022 के प्रभावोत्पादक प्रस्तावों को 1 अप्रैल से लागू 

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र।

कृषि क्षेत्र को आधुनिक, डिजिटल और स्मार्ट कृषि बनाने बजट 2022 में सुझाए गए सात रास्ते सराहनीय कदम- एड किशन भावनानी

गोंदिया। भारत में कृषि क्षेत्र में पुराने साधनों, संसाधनों, लकड़ी का हल, बैल द्वारा जुताई, खार रोपाई, धान कटाई, भराई इत्यादि अनेक प्रक्रियाएं आदिकाल से ही पौराणिक प्रथाओं के रूप में होती थी। परंतु बड़े बुजुर्गों का कहना है कि समय का चक्र घूमते रहता है और पलों का घेरा, सुख-दुख, पुराना नया, ऊंचा नीचा सभी को घेरे में लेते हुए चलता है!!! ठीक उसी प्रकार यह चक्र आज कृषि क्षेत्र में भी पुरानी आदिलोक से चली आ रही कृषि प्रक्रियाओ को बदलकर आज के नए भारत डिजिटल भारत में स्मार्ट कृषि, डिजिटल कृषि के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है!!! जिसनें खार बोने से लेकर अंतिम और धानकटाई से लेकर मंडी तक पहुंचाने की हर क्रिया, प्रक्रिया में आधुनिक नए डिजिटल साधनों, संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है जिससे घटते कृषिक्षेत्र और सिकुड़ती कृषि भूमि के बावजूद कृषिक्षेत्र में भारी उत्पादन दर्ज होना आधुनिक डिजिटल स्मार्ट कृषि क्षेत्र के सकारात्मक परिवर्तनों को रेखांकित करता है।
साथियों बात अगर हम भारत में कृषि क्षेत्र की करें तो भारत एक कृषि और गांव प्रधान देश है जहां अधिकतम परिवारों की आजीविका कृषि क्षेत्रपर निर्भर है इसीलिए कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना भारत की बुनियादी नीति रही है परंतु सिकुड़ते कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने, लोगों का कृषि क्षेत्र के प्रति ध्यान आकर्षित करने पिछले कुछ सालों से सरकारों द्वारा अनेक योजनाएं, परियोजनाएं, स्कीमों, सुरक्षाचक्र इत्यादि अनेक सकारात्मक कदम तेजी से उठाए जा रहे हैं।
साथियों बात अगर हम कृषि क्षेत्र को आधुनिक डिजिटल और स्मार्ट कृषि बनाने बजट 2022 के प्रस्तावों के विभिन्न प्रभावोत्पादक कदमों की करें तो दिनांक 24 फरवरी 2022 को केंद्रीय बजट 2022 का कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार, स्मार्ट कृषि- क्रियान्वयन के लिए रणनीतियों पर आयोजित किया गया जिसमें बजट में उठाए गए प्रस्तावित विभिन्न महत्वपूर्ण 7 कार्यक्रमों पर चर्चा, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत द्वारा पेश प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष मनाने, सिंचाई के स्त्रोतों में नवाचार, भारत में मृदा परीक्षण संस्कृति को बढ़ाने की आवश्यकता, कृषि ड्रोन टेक्नोलॉजी, विशेष कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, पराली प्रबंधन, कृषि क्षेत्र को स्मार्ट कृषि, डिजिटल कृषि से लेकर अनेक विषयों पर चर्चा की गई। साथियों बात अगर हम दिनांक 24 फरवरी 2022 को माननीय पीएम द्वारा बजट 2022 से कृषि क्षेत्र को मज़बूत करने पर एक वेबनार में संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार, बजट पर हितधारकों के बीच जागरूकता और स्वामित्व की भावना पैदा करने के लिए केंद्र सरकार ने कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए स्मार्ट कृषि विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में सहकारिता से समृद्धि विषय पर सहकारिता मंत्रालय ने भी भागीदारी की I उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सहकारिता से जुड़ा एक नया मंत्रालय बनाया है, जिसका उद्देश्य सहकारी समितियों को एक सफल व्यावसायिक उद्यम में बदलना है। उन्होंने कहा कि बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से सात रास्ते सुझाए गए हैं। पहला- गंगा के दोनों किनारों पर 5 कि.मी. के दायरे में नेचुरल फार्मिंग को मिशन मोड पर कराने का लक्ष्य है। दूसरा- एग्रीकल्चर और हॉर्टीकल्चर में आधुनिक टेक्नॉलॉजी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। तीसरा- खाद्य तेल का आयात घटाने के उद्देश्य से मिशन ऑयल पाम को सशक्त करने पर जोर दिया गया है। चौथा- कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए पीएम गति-शक्ति योजना के माध्यम से नई रसद व्यवस्था की जाएगी। बजट में पांचवां समाधान बेहतर कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन और कचरे से ऊर्जा उत्पादन द्वारा किसानों की आय बढ़ाना है। छठा, 1.5 लाख से अधिक डाकघर नियमित बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे ताकि किसानों को परेशानी न हो। सातवां, कौशल विकास तथा मानव संसाधन विकास के संबंध में कृषि अनुसंधान और शिक्षा पाठ्यक्रम को आधुनिक समय की मांगों के अनुरूप बदला जाएगा। सिंचाई के क्षेत्र में नवाचारों पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि पर ड्रॉप मोर क्रॉप पर सरकार का बहुत जोर है और ये समय की मांग भी है, कि इसमें भी व्यापार जगत के लिए बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड में क्या परिवर्तन आएंगे, ये आप सभी भलीभांति जानते हैं। उन्होंने लंबित सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता को भी दोहराया। भारत में मृदा परीक्षण संस्कृति को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। मृदा स्वास्थ्य कार्डों पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने स्टार्टअप्स से नियमित अंतराल पर मृदा परीक्षण के कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए आगे आने का आह्वान किया। फसल कटाई उपरांत प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार प्रसंस्कृत खाद्य का दायरा बढ़ाने और गुणवत्ता के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है, इस संबंध में, किसान संपदा योजना के साथ, पीएलआई योजना महत्वपूर्ण है। मूल्य श्रृंखला भी इसमें बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए, 1 लाख करोड़ रुपये का एक विशेष कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। किसान ड्रोन्स का देश की खेती में अधिक से अधिक उपयोग, इसी बदलाव का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ड्रोन टेक्नॉलॉजी, एक स्केल पर तभी उपलब्ध हो पाएगी, जब हम एग्री स्टार्टअप्स को प्रमोट करेंगे। पिछले 3-4 वर्षों में, देश में 700 से अधिक कृषि स्टार्टअप तैयार किए गए हैं।
उन्होंने सहकारिता क्षेत्र की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा, भारत का कॉपरेटिव सेक्टर काफी वाइब्रेंट है। चाहे वो चीनी मिलें हों, खाद कारखाने हों, डेयरी हो, ऋण की व्यवस्था हो, अनाज की खरीद हो, कॉपरेटिव सेक्टर की भागीदारी बहुत बड़ी है। हमारी सरकार ने इससे जुड़ा नया मंत्रालय भी बनाया है। आपका लक्ष्य यह होना चाहिए कि सहकारी समितियों को एक सफल व्यावसायिक उद्यम में कैसे बदला जाए। उन्होंने कृषि अवशेष (पराली) के प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, इसके लिए इस बजट में कुछ नए उपाय किए गए हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने पैकेजिंग के लिए पराली का उपयोग करने के तरीकों का पता लगाने के लिए भी कहा।अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विवरण करें तो हम पाएंगे कि स्मार्ट कृषि- कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने बजट 2022 के प्रभावोउत्पादक प्रस्ताव को 1 अप्रैल 2022 से लागू किया जाएगा कृषि क्षेत्र को आधुनिक डिजिटल और स्मार्ट कृषि बनाने बजट 2022 में सुझाए गए सात रास्ते सराहनीय कदम है