Tuesday, November 26, 2024
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अब तक पुलिस के गुड वर्क में नहीं शामिल हो सकी करोड़ों कीमत की अष्टधातु मूर्ति और उसके चोर

बेशकीमती अष्टधातु मूर्ति के चोरों को ढूंढने में अब भी पुलिस के हांथ खाली
ढूंढने पर तो भगवान भी मिल जाते हैं, कहावत को चरितार्थ नहीं कर पा रही पुलिस
अष्टधातु की आधा दर्जन मूर्तियों को ढूंढ निकालना जनपदीय पुलिस के लिए आज भी बड़ी चुनौती

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।हम बात कर रहे हैं बीते वर्ष २०२१ के जून महीने में हुई एक ऐसी घटना की जब पुलिस की मुस्तैदी का बेखौफ चोरों द्वारा जनाजा निकाला जा रहा था। बीते वर्ष जून का महीना खासकर ऊंचाहार पुलिस के लिए ज्यादा ही गर्म था। उस समय अज्ञात चोर तो एक-एक दिन में दो-दो चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। इसी बीच एक मामला क्षेत्र के धार्मिक स्थल से जुड़ा हुआ था, जहां अज्ञात चोरों ने एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर को अपना निशाना बनाया था। गौरतलब यह है कि यह घटना उस समय हुई जब पूरे प्रदेश में सरकार मंदिर बनाने में एवं धर्म का परचम लहराने में लगी थी तब इधर चोरों ने मंदिर से भगवान को ही गायब कर दिया। तभी से भगवान का आसन आज तक सूना पड़ा है और पुलिस हांथ मल रही है, मंदिर के पुजारी आज भी प्रभु की राह निहार रहे हैं।

रहस्य बनकर रह गया बेशकीमती मूर्ति चोरी का मामला

मामला जनपद रायबरेली के कोतवाली क्षेत्र ऊंचाहार का है जहां बीते साल जून के महीने में क्षेत्र के गोकना गंगा घाट के पास स्थित चांदी बाबा की कुटी से बेखौफ चोर बेस कीमती राधा कृष्ण की मूर्ति सहित लगभग आधा दर्जन मूर्तियां उठा ले गए थे। बताते हैं कि इन मूर्तियों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की कीमत है। किन्तु करीब एक साल बीतने को हैं परंतु आज तक न मूर्तियों का पता चल पाया है और न ही चोरों का। जनपदीय पुलिस केवल मौके के मुआयना तक ही सीमित रही है। देखा जाए तो आज जनपद में केवल पुलिस की कामयाबी के कसीदे पढ़े जा रहें हैं लेकिन असल कामयाबी से पुलिस अब भी कोसों दूर है।

पुलिस के ढुलमुल रवैए का असर

इसके साथ ही क्षेत्र में हुई कई घटनाएं ऐसी भी हैं जिनके खुलासे आज तक नहीं हो सके हैं। कुछ में तो प्रशासन ने अपने तरीके से विवेचना लगाकर
फाइल को बंद कर दिया है। कई चोरी की घटनाओं में पीड़ितों के घर से गायब हुए मोबाईल फोन तक की सुराख पुलिस नहीं लगा पाई है, पीड़ितों ने थक हारकर मामले को भूल जाना ही उचित समझा है।

मंदिर के पुजारियों ने बताया, नहीं थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

बता दें कि आज से पहले भी महंत हरिशंकर तिवारी और जितेंद्र द्विवेदी ने बताया था कि चांदी बाबा की कुटी से यह अष्टधातु की मूर्तियां चोरों द्वारा पहले भी कई बार (सन् १९६८, सन् २००६) चुराने का प्रयास किया जा चुका था लेकिन उस समय रायबरेली के पुलिस विभाग में तैनात उच्चाधिकारियों ने इन बेशकीमती मूर्तियों को महीने भर में ही खोजकर कर पुनः स्थापित करा दिया था। इसके साथ ही स्थानीय लोगों और पुजारियों ने बताया कि इतनी बेशकीमती मूर्ति होने के बावजूद यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जिसके चलते चोर पिछले वर्ष जून के महीने में इसे चुराने में सफल रहे। पंडित जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि पुलिस ने केवल कार्रवाई का आश्वासन ही दिया है। करीब एक साल बीतने को है आज तक मंदिर में प्रभु का आसन सूना पड़ा हुआ है और भक्तों को भगवान का इंतजार है। परंतु अब खाली पड़े मंदिर की सुरक्षा में एक होमगार्ड तैनात है।

क्षेत्राधिकारी का कहना है

उपरोक्त चोरी की घटना के मामले में क्षेत्राधिकारी अशोक सिंह ने कहा कि चोरी की घटना का खुलासा करने के लिए पूर्व से ही टीमें गठित हैं उनके द्वारा इस संबंध में कार्रवाई जारी है परंतु इससे आगे वह कुछ नहीं बोल सके।

पूर्व अधिकारियों का हो चुका तबादला 

बीते वर्ष 2021 के जून महीने में हुई इस घटना की जांच में जुटी पुलिस के उच्चाधिकारियों का अब तो तबादला भी हो चुका है। अब तो कोतवाली ऊंचाहार में पूर्व में तैनात कोतवाल और डीएम, पुलिस अधीक्षक रायबरेली का अन्य जनपदों में तबादला हो चुका है। हालांकि क्षेत्राधिकारी ने बताया है कि मामले में खुलासे के लिए टीमें टीमें गठित है।