सिकंदराराऊ ।योगिनी एकादशी उत्सव के शुभ अवसर पर श्री मनकामेश्वर मंदिर नौरंगाबाद पश्चिमी में मंदिर के सेवायत गौरांग प्रभू जी के निर्देशन में श्री बांके बिहारी लाल की तृतीय परिक्रमा सम्पन हुई । आज की परिक्रमा में भक्तों का बिहारी जी के प्रति आस्था और प्रेम देखते ही बनता था। लोग बिहारी जी की भक्ति में लीन होकर हरे राम हरे कृष्ण के जाप में भक्ति विभोर होकर मग्न हो गए । परिक्रमा मार्ग में जगह जगह भक्तों ने पुष्प वर्षा की।
मंदिर के सेवायत गौरांग प्रभू जी ने कहा कि हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। उनमें आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। आषाढ़ कृष्ण एकादशी का नाम योगिनी है। इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है। यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है।मंदिर प्रमुख राजकुमार वार्ष्णेय ने बताया कि माह की प्रत्येक एकादशी को बिहारी जी की परिक्रमा लगाई जाती है ।परिक्रमा में प्रभात वार्ष्णेय, सुभाषचंद्र बसई वाले, अमूल वार्ष्णेय, मुकुल गुप्ता सभासद, गोविंद वार्ष्णेय, नरेश भारद्वाज, बिजेंद्र सक्सेना, भानु सक्सेना, नीरज वैश्य , बबलू सिसोदिया, शिवम वार्ष्णेय, गोविंद वार्ष्णेय, हर्षित वार्ष्णेय, ध्रुव वार्ष्णेय, मयंक वार्ष्णेय, सरद गुप्ता, विपिन लाल, मीरा माहेश्वरी, कनकलता वार्ष्णेय, नंदनी वार्ष्णेय, शिल्पी माहेश्वरी, गौरी वार्ष्णेय आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।