डिस्ट्रिक्ट कम्पलेन्ट अथौरिटी के गठन हेतु न्याय विभाग ने गृह विभाग से जानकारी मांगी
हाथरस। वरिष्ठ अधिवक्ता और कानूनी सेवा केन्द्र के संस्थापक अध्यक्ष हरीश कुमार शर्मा एडवोकेट द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा 24 दिसम्बर 1999 में देश के सभी राज्यों, केन्द्र शासित क्षेत्रों के मुख्य न्यायाधीशों मुख्य सचिवों तथा प्रशासकों को परिपत्र भेजकर जिला जज की अध्यक्षता में पुलिस द्वारा मानव अधिकारों का उल्लंघन रोकने और आवश्यक कार्यवाही करने हेतु डिस्ट्रिक्ट कम्पलेन्ट अथोरिटी के गठन और कार्य करने से सम्बन्धित मुद्दा गत दो वर्षो से विभिन्न मंचों पर उठाया गया था। ताकि जनता को कानून के शासन के प्रति विश्वास बढ सके। किन्तु अब 29 जून को प्रदेश के न्याय विभाग द्वारा गृह विभाग से मांगी जानकारी से कार्यवाही की उम्मीद जगी है।
इस अथौरिटी के सदस्य के रूप में जिला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधीक्षक को नामित करने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु जमीनी स्तर पर उ.प्र. राज्य के किसी भी जिले में यह आथोरिटी नहीं बनी। परिणामतः मानव अधिकारों के उल्लंघन और पुलिस ज्यादतियों व मनमानी पर नियंत्रण की स्थिति आज भी सवा दो दशक पहले जैसी बनी हुई है।कानूनी सेवा केन्द्र द्वारा कानून नियम शासनादेशों, उच्चतम न्यायालय तथा मानव अधिकार आयोग के दिशा निर्देशों के धरातलीय क्रियान्वयन हेतु संचालित ‘‘स्वैच्छिक शोध व कार्यवाही कार्यक्रम’’ के तहत उक्त परिपत्र के जमीनी क्रियान्वयन का मुद्दा सामने आने पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा प्रमुख सचिव उ.प्र. सरकार से पत्र व्यवहार प्रारम्भ किया, किन्तु मामले को गम्भीरता से लेकर डिस्ट्रिक्ट कम्पलेन्ट अथोरिटी गठित न होने पर केन्द्र के संस्थापक व अध्यक्ष श्री शर्मा ने सूचना का अधिकार अधि. (आर.टी.आई.) का प्रयोग किया।आर.टी.आई. में सूचना देने हेतु प्रमुख सचिव उ.प्र. शासन ने न्याय विभाग को निर्देशित किया परन्तु न्याय विभाग के जनसूचना अधिकारी ने सूचना नहीं दी। इस पर उन्होंने न्याय विभाग के प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील की फिर भी सूचना न मिलने पर द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में प्रस्तुत की जिस पर कार्यवाही प्रारम्भ होने पर न्याय विभाग द्वारा अपीलार्थी से ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के परिपत्र की प्रति मंागी। पुनः सूचना आयुक्त के निर्देश पर 22 वर्ष से सोई सरकार की नींद खुली और श्री संजय कुमार वर्मा विशेष सचिव न्याय विभाग उ.प्र. शासन ने अपर मुख्य सचिव गृह को 29 जून 2022 में पत्र भेजकर डिस्ट्रिक्ट कम्पलेन्ट अथोरिटी के गठन के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही से न्याय विभाग को अवगत कराने को कहा है।श्री शर्मा ने शासन से मांग की है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार के उक्त निर्देशों का अविलम्ब अनुपालन कर जनजन को लाभान्वित करायें और जिला स्तर पर मानव अधिकार संरक्षित कर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर तक सम्पर्क व पत्राचार से पीड़ितों को संरक्षित करें।