ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।क्षेत्र के बादशाहपुर ऐतिहासिक गंगा घाट को जाने वाले मार्ग की हालत बदतर है । 25साल से इस मार्ग पर बोल्डर डालकर जिम्मेदार भूल गए हैं । ग्राम प्रधान ने मार्ग निर्माण की मांग की तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने गलत आख्या लगाकर पल्ला झाड़ लिया है। मामले में प्रधान ने पुनः डीएम को शिकायती पत्र भेजा हैं।क्षेत्र का बादशाहपुर गंगा घाट सद्भाव और आस्था का प्रतीक है। इस घाट का निर्माण मुगल शासनकाल में मुस्लिम शासकों द्वारा जलमार्ग यात्रा की सुलभता के लिए बनवाया गया है । इस घाट तक जाने के लिए कोई मार्ग नहीं है । काशीपुर गांव से कोटिया चित्रा होते हुए घाट तक एक मार्ग का निर्माण 25साल पहले शुरू हुआ था । उस समय गन्ना विभाग द्वारा मार्ग में गिट्टी डालकर केवल कुटाई की गई थी । उसके बाद इसका निर्माण रोक दिया गया था । तब से आजतक यह मार्ग इसी बदहाल दशा में पड़ा हुआ है । इस मार्ग को लेकर कोटिया चित्रा गांव के प्रधान नरेंद्र यादव ने पूर्व में डीएम को एक पत्र दिया था । जिस पर लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता ने अपनी आख्या में लिखा कि मार्ग के रास्ते में निजी भूमि है , जिससे सड़क निर्माण संभव नहीं है । जबकि इस मार्ग के रास्ते में कोई भी निजी भूमि नहीं है । ग्रामीण पीडब्ल्यूडी की अख्या से हैरान है । ग्राम प्रधान ने इस मामले में पुनः डीएम को पत्र लिखा है । और मांग की गई है कि काशीपुर गांव मुख्य मार्ग से कोटिया होते हुए बादशाहपुर गंगा घाट तक पक्की सड़क मार्ग का निर्माण कराया जाए।
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