हाथरस। गांजा माफिया अपने अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। पुलिस ने कई बार कई लोंगों को गांजा बेचते पकड़ा है। गांजा लेने वालों का कहना है कि उन्हें आसानी से गांजा मिल जाता है। गांजा के अवैध व्यापार में अधिक मुनाफा देख आज की युवा पीढी इस अवैध व्यापार को करने की रिस्क ले रही हैं। वास्तविकता में गांजे का अवैध व्यापार शबाब पर है, शहर-शहर, गांव-गांव में खुलेआम गांजा बेचा जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि पूरे प्रदेश में माफियाओं का कोई भी अवैध व्यापार नही चलेगा और चलते हुए पाया गया तो वहां के जिम्मेदार अधिकारियों पर ही गाज गिरेगी। इसके विपरीत सासनी कोतवाली क्षेत्र में आने वाले गांव बरसै में गांजा का अवैध व्यापार तथा अन्य नशीले पदार्थो की बिक्री जोरों पर है? जिसे तत्काल रोकथाम किया जाना चाहिए। पुलिस प्रशासन द्वारा गांजा माफियाओं पर शिकंजा कसा जाना आवश्यक है, जिससे उनके हौसले बुलंद होने से पहले ही बिखर जाएं।
गरीबों को फंसाते हैं माफिया?
पुलिस भी अधिकतर उन लोगों पर ही कार्रवाई करती है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। बताया जाता है कि गांजा माफिया ऐसे लोगों की तलाश करते, जो बहुत गरीब होते हैं या बेरोजगार होते हैं, उन्हें यह माफिया कमाई का बढ़िया जरिया बताकर फांस लेते हैं। अब ऐसे ही लोग रिस्क लेकर गांजा बेचने में लगे हैं।
गांजा को बेचने वाले माफिया और इसका सेवन करने वाले लोग गांजा को गांजा न कहकर उसे पुडिया या बूटी के नाम से पुकारते हैं। जिससे किसी अनजान व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं हो पाती है। पुडिया या बूटी मांगते ही संबंधित व्यक्ति द्वारा गांजे की व्यवस्था करा दी जाती है। गांजा माफिया अपना मोबाइल नंबर व नाम भी गांजा खरीदने वाले को देे देते हैं, लेकिन उन्हीं को जो अधिकतर खरीददारी करते हों। मतलब यह है कि जिनको वो गांजा देते हैं।
गांजा के अवैध व्यापार के लिए प्रसिद्ध है गली?
गांव बरसै की एक गली तो गांजा के अवैध व्यापार के लिए इतनी प्रसिद्ध है कि अगर पूरे जिले में कहीं भी उसके बारे में जानकारी करोगे तो आसानी से उसकी जानकारी मिल जाएगी। क्योकि उस गली में एक नही बल्कि चार-चार माफिया अपने गांजा के अवैध व्यापार को कर रहे हैं, जिनमे दो महिलायें हैं और दो ही आदमी हैं, जिनके द्वारा खुले रूप से गांजे का अवैध व्यापार किया जाता है। खुले रूप से गांजा बेचते व लोगों को गांजा पीते आसानी से देखा जा सकता है लेकिन पुलिस कुछ नही कर पाती? यह बात कुछ समझ से परे है? बिना पुलिस के जानकारी के खुलेरूप से गांजा बेचना संभव नही है? कहीं ना कहीं तो इस अवैध धंधे में लगे लोगों को किसी न किसी का तो संरक्षण प्राप्त है?
सरकार ने माफियाओं के अवैध व्यापार रोकने दिए हैं कड़े निर्देश?
जनचर्चा के अनुसार बहुत भारी मात्रा में गांजा की सप्लाई गांव बरसै से होती है। सरकार द्वारा अवैध कारोबार को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को तत्काल कार्रवाई कर अवैध व्यापार और माफियाओं को बंद कराने के निर्देश के बावजूद भी गांव बरसै में गांजा का अवैध व्यापार किया जा रहा है। इसमें गांव के वृद्ध, युवा एवं महिलाएं भी चंगुल में फंसते नजर आ रहे हैं।गांजे के अवैध धंधे में लिप्त माफियाओं पर अभी तक कोई सख्त कार्यवाही नही हुई है? यह भी बताना जरूरी है कि इस ग्रामीण क्षेत्र में कई वर्षों से गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा हैं। यह व्यापार तेजी से लोगों के बीच नशा बांट रहा हैं। नशे के इस अवैध व्यापार को रोकने के लिए नारकोटिक्स एक्ट बनाया गया है, लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग गांजे की बिक्री पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है? गांव की गलियों में बिक रही गांजा की पुड़ियाओं ने युवाओं की जिंदगी तबाह कर दी है। आलम यह है कि जगह-जगह खुलेआम गांजे की बिक्री हो रही है। गली-मोहल्लों में गांजा आसानी से मुहैया हो रहा है। गांजे का अवैध कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद हैं। सख्त कार्यवाही नहीं हो पाने से गांजे के व्यापारी बेखौफ होकर खुलेआम नशे के नाम पर मौत की पुडिया बेच रहे है। एक अनुमान के मुताबिक गांव बरसै से प्रतिमाह लगभग लाखों रुपये की गांजे की बिक्री हो रही है?