सरकारी अस्पताल के सामने खुले प्राइवेट क्लिनिक और पैथालॉजी सेंटर कर रहे मानदंडों का उल्लंघन
रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। चिकित्सा के क्षेत्र को कुछ प्राइवेट संस्थानों ने केवल व्यावसायिक रूप ही दे रखा है। ऐसे संस्थानों को जिला चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारी ही अपना संरक्षण देकर और अधिक बल दे रहे हैं।ऐसा इसलिए भी प्रतीत हो रहा है क्योंकि रायबरेली शहर के अंदर जिला अस्पताल के ही ठीक सामने खुले कुछ प्राइवेट क्लिनिक पैथालॉजी सेंटर पर हर सुबह इतनी भीड़ होती है कि जिसके बाद वहां की भीड़ बेकाबू हो जाती है। अपनी क्षमता से अधिक मरीजों को देखना और भीड़ इकट्ठी करना जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नहीं दिखता।आलम यह है कि जिले के सरकारी अस्पताल में इतने मरीज नहीं दिखते जितने कि सरकारी अस्पताल के सामने खुले अस्पतालों और पैथालॉजी में दिखाई देते हैं।जिला अस्पताल चौराहे के खुले इन अस्पतालों में मरीजों को केवल कमाई का जरिया बनाया गया है। हर दिन देखा जा सकता है कि यहां मरीजों के बैठने की व्यवस्था तक नहीं लोग सड़कों पर खड़े होकर मार्ग के आवागमन को बाधित करते हैं। इसके साथ ही इन अस्पतालों के सामने अवैध अतिक्रमण भी है पार्किंग की व्यवस्था नहीं है जिससे मरीज और तीमारदार प्राइवेट अस्पतालों की व्यवस्था से परेशान है। इसके साथ ही इन अस्पतालों में सुरक्षा की व्यवस्था भी नहीं है, इतनी भीड़ होती है कि क्षमता से अधिक लोग इन अस्पतालों के अंदर देखे जा सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी गाइडलाइन को यह नजरंदाज कर देते हैं। अब ऐसे में कह सकते हैं कि कोरोना, मंकी पॉक्स जैसे संक्रमण इन्ही प्राइवेट अस्पतालों और पैथालॉजी सेंटर से होकर ही निकलते हैं। यहां तक कि मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लिनिक का संचालन तक किया जा रहा है। इन अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के भी मानदंडों को ताक पर रखा गया है।
गौरतलब तो यह है कि जिला अस्पताल के सामने खुले विनायक मेडिकल स्टोर की आड़ में एक स्किन के अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। जिसके बाहर लगे बोर्ड में केवल डॉक्टर डिग्री का ही जिक्र किया गया है इस विषय में स्किन हॉस्पिटल के डॉक्टर यू सी शर्मा से इस बारे में बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने मिलने तक को भी मना कर दिया।