⇒मनरेगा पर लगा ग्रहण, रोजगार के दिखाये रंगीन सपने
राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया। संसद में पेश किए जाने से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने बजट को मंजूरी दे दी है। 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, इस अवधि में यह नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पाली का आखिरी बजट था। सीतारमण का पांचवां बजट है।
उन्होंने 2024 में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तमाम बड़े ऐलान किए गए। सर्विस क्लास को खुश करने के लिए बजट के टैक्स रिजिम में बड़ी घोषणा की गई है। अब 7 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को अब कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था खत्म करने का ऐलान किया।
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बजट 2-4 राज्यों के चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है। यह बजट नहीं इलेक्शन स्पीच है। उनकी जो भी बातें उन्होंने बाहर कही है वैसे जुमले इस बजट में डालकर इसे पेश कर दिया गया। बजट में महंगाई और मुद्रा स्फ़ीति में इज़ाफा है जिसपर ध्यान देना चाहिए था। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं मिलेगी। उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है। शिक्षा बजट घटाकर 2.64 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत करना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 प्रतिशत से 1.98 प्रतिशत करना हानिकारक है।बजट की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट के अमृतकाल का पहला बजट बताया। इस बजट में वित्त मंत्री ने बजट में कृषि, युवाओं, पीएम-आवास, शिक्षा, डैडम् सहित अन्य क्षेत्रों के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया। शिक्षा मंत्री ने 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए अगले 3 वर्षों में 38,000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।
सीतारमण ने युवाओं के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च करने का ऐलान किया है। बीजेपी की ओर से बजट के प्रावधानों को आमजन तक पहुंचाने के लिए 12 दिन तक प्रमुख केंद्रीय मंत्री 50 बड़े शहरों में प्रेस कांफ्रेंस कर बजट का लाभ गिनायेंगे। बुधवार को पेश बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए आवंटन में आश्चर्यजनक रूप से भारी कमी करते हुए इसे 60,000 करोड़ रुपये किया गया है। ऐसा इस तथ्य के बावजूद है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए संशोधित अनुमान 89,400 करोड़ रुपये था, जो 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक था।
नरेंद्र मोदी सरकार के इस पूरे कार्यकाल में इस साल का आवंटन पिछले चार बजटों की तुलना में सबसे कम है।
गौर करने वाला पहलू यह भी है कि कोविड-19 महामारी के दौरान ग्रामीण गारंटी योजना के तहत मांग में भारी वृद्धि हुई है। सर्वेक्षण किए गए ब्लॉकों में 39ः परिवारों को मनरेगा में एक भी दिन का काम नहीं मिल सका। पर्याप्त धन की कमी अतीत में भी एक समस्या रही है, जिसे लेकर अध्ययन बताते है कि इसके चलते श्रमिकों को भुगतान में देरी हो रही थी।
बजट से एक दिन पहले जारी एक बयान में पीपुल्स एक्शन फॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी ने कहा कि मौजूदा कमी को पूरा करने के लिए महंगाई के आधार पर वेतन में संशोधन किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित हो कि काम की मांग पूरी हो। हालांकि वित्त मंत्रालय इसकी विपरीत दिशा में ही आगे बढ़ रहा है।
बजट में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी सौगात दी गई है। महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू करने के किसानों, युवाओं और छात्रों के लिए भी बडे़ ऐलान किए गए। निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चमकता हुआ सितारा माना है। उधर, पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। यह आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा। मोदी ने कहा, वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी के लिए आय के नए अवसर पैदा करेगा।
हमारे करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। गांव से लेकर शहर तक में रहने वाली हमारी महिलाओं के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं, उन्हें अब और ताकत के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि कस्टम ड्यूटी, सेस, सरचार्ज दर में बदलाव किया गया है। खिलौनों पर लगने वाले सीमा शुल्क घटाकर 13 फीसदी किया गया यानी अब खिलौने सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा साइकिल को भी सस्ता किया गया है। लिथियम आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी में राहत दी गई है।
अगले साल के आम चुनावों से पहले एक बड़े बजट की घोषणा की जिसमें बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्रों में भारी पूंजी परिव्यय शामिल था और मध्यम वर्ग को भारी राहत देते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव किया। चुनावी वर्ष से पहले आयकर राहत के लिए एक बड़े प्रयास में, सरकार ने नई कर व्यवस्था में स्लैब को सरल बना दिया है। वित्त मंत्री ने कहा, हालांकि सालाना 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं होगा – 5 लाख रुपये से ऊपर – देश के सर्वाेच्च कर दायरे को 42.74 प्रतिशत से घटाकर 39 प्रतिशत कर दिया गया है।
नई टैक्स व्यवस्था में छह की जगह अब पांच स्लैब होंगे, जो डिफॉल्ट सिस्टम होगा। 0-3 लाख रुपये की कर योग्य आय (सभी छूट के बाद) शून्य होगी, 3-6 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत कर; 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी; 9-12 लाख पर 15 फीसदी; 12-15 लाख पर 20 फीसदी और उससे ऊपर 30 फीसदी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए मासिक आय योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए निवेश सीमा बढ़ा दी गई है। बजट में सात प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित किया है। सीतारमण ने कहा, ‘समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, बुनियादी ढाँचा और निवेश, क्षमता, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को उजागर करना’ क्षेत्र हैं।
कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है और एक अन्य लोकलुभावन उपाय में, पीएम आवास योजना के लिए आवंटन 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
रेलवे के लिए बजट में 2.4 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई है – लगभग एक दशक में सबसे अधिक और पिछले साल के बजट का चार गुना। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के आखिरी साल से इसकी तुलना करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह 2013-14 में किए गए परिव्यय का लगभग नौ गुना है।’ व्यापार में आसानी के लिए और वाणिज्यिक विवादों को निपटाने के लिए सरकार विवाद से विश्वास-2 के तहत एक और विवाद समाधान योजना लाएगी। मंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा बनाए गए आईडी के मिलान के लिए वन-स्टॉप समाधान होगा। पैन का उपयोग निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि हरित ईंधन पर स्विच करने पर ध्यान देने के साथ, सरकार 2030 तक 5 मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य बना रही है।