Tuesday, April 16, 2024
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महिला जगत

प्रशिक्षण:महिलाओं को बताया जा रहा है ब्यूटी पार्लर में कैरियर बनाने का तरीका

आगरा । वैचारिक जागरण मिशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित मासिक प्रशिक्षण शिविर में महिलाओं को ब्यूटी पार्लर में कैरियर बनाने के तरीके बताए। इसके साथ महिलाओं को सैल्फ मेकअप के टिप्स सिखाकर फिजूलखर्ची से बचाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।महिलाओं को घर में ही फल, फ्रूट, मसाले आदि से चेहरे और बदन पर निखार लाने के लिए अनेक टिप्स बताए। अतिथिवन में आयोजित इस कार्यक्रम में ब्यूटी एक्सपर्ट अंजलि रस्तोगी ने बताया कि प्राकृतिक निखार लाने हेतु रात को मेकअप उतार कर अवश्य सोना चाहिए। अपने चेहरे पर कोई भी प्राकृतिक क्रीम को अवश्य लगाएं, जिससे चेहरे पर नमी बनी रहती है। जौ का आटा, मलाई, नींबू, हल्दी के प्रयोग से घर पर ही फेस पैक कैसे बनाए जा सकते हैं, यह भी बताया। उन्होंने कहा कि मौसम के फलों का सेवन विशेष रूप से करें। पानी का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें, पानी चेहरे पर टॉक्सिन को निकालने का कार्य करता है ।

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“उर्फ़ी जावेद का अतरंगी अंग प्रदर्शन”

आजकल सोशल मीडिया पर बिग बॉस ओटीटी के ज़रिये प्रसिद्धि हो चुकी टीवी ऐक्ट्रेस उर्फ़ी जावेद सुर्खियों का विषय बनी रहती हैं। वह अपने अजीबो गरीब पहनावे को लेकर दर्शको के बीच एक उत्सुकता का विषय बनी रहती है। ऐसी लड़कियों ने आजकल लगता है शर्म बेच खाई है। अधनंगी बीच बाज़ार या सड़कों पर फ़ोटो खिंचवाते प्रदर्शन करती रहती है। कभी बैकलैस कपड़े तो कभी सिर्फ़ ब्रा जैसे छोटे कपड़े लपेट कर खड़ी हो जाती है।
हर तरफ़ से हर अंगों का प्रदर्शन करके क्या साबित करना चाहती है? ऐसी लड़कियां दरिंदों के दिमाग में वासना का ज़हर भरती है। पुलिस को इसके ख़िलाफ़ कारवाई करके बैन कर देनी चाहिए। उनके माँ-बाप को नोटिस भेजकर अपनी बेटी को एक हद में रखने की हिदायत देनी चाहिए।
हिजाब और नकाब का समर्थन करने वाले इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखने वाली लड़की बीच बाज़ार फटेहाल कपड़ों में अंगों का प्रदर्शन करते अपने धर्म को लज्जित कर रही है। क्यूँ उसकी ऐसी हरकतें किसीकी नज़र में नहीं आती।
उर्फ़ी ने अभी कुछ दिन पहले पेंट के साथ एक क्रॉप टॉप पहनी थी। मजे की बात यह थी की उन्होंने जो पेंट पहनी थी उसके बटन खुले हुए थे। उनके इस पहनावे के अंदाज को लेकर लोग उनको ट्रोल भी करते रहते है। लड़के निम्न कक्षा की कमेन्ट देकर नीचा दिखाते है।
इससे पहले उर्फ़ी ने कैमरे के सामने बोल्डनेस की सारी हदें पार कर दी थीं। उसने अपनी एक तस्वीर शेयर की जिसमें वह टॉपलेस नजर आईं। फोटो में देखा जा सकता है कि उर्फ़ी ने सिर्फ जींस पहनी हैं और वह बेड पर लेटी हुई दिख रही हैं। उर्फ़ी का ये बोल्ड लुक सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।

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आकर्षण को प्यार समझने की भूल मत करो

इश्क की आँधी बहा ले जाती है जिनको कच्ची उम्र के पड़ाव पर, वह लड़कियां कहीं की नहीं रहती। छूट जाती है पढ़ाई और इश्क की आराधना करते कई बार हार जाती है अपनी ज़िंदगी।
यह उम्र ख़तरनाक होती है 15 से लेकर 20 साल के बीच का सफ़र विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण पैदा करता है। उस उन्माद को बच्चियाँ प्रेम समझकर एक ऐसी राह पर निकल जाती है, जहाँ फिसलन और पतन के सिवा कुछ नहीं होता।
न आजकल के लड़कें उस उम्र में इतने परिपक्व होते है। प्यार, इश्क, मोहब्बत को अपनी शारीरिक जरूरतें पूरी करने का ज़रिया समझते है। खासकर डिज़िटल युग में हर बच्चें मोबाइल का बेबाक उपयोग करते है, जिसमें अंगूठा दबाते ही पोर्नाेग्राफ़ी एप्स की भरमार मिलती है। बहुत कम उम्र में आजकल के बच्चे एडल्ट हो जाते हैं। हर माँ-बाप को अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे मोबाइल का उपयोग किस चीज़ के लिए करते हैं और बच्चों की मानसिकता का अध्ययन करते बातचीत से जानने की कोशिश करनी चाहिए की बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं और हर माँ-बाप का कर्तव्य है की बेटे को यह संस्कार दें कि दूसरों की बेटी की इज्जत करें, सम्मान दें। प्यार के नाम पर कोई खेल खेलने से पहले सोचे की अपनी बहन-बेटी के साथ अगर कोई ऐसा करें तो?
कभी-कभी बच्चे आकर्षण को प्यार समझकर एक ऐसी राह पर निकल जाते हैं, जहाँ से बाकी सब पीछे छूट जाता है। पढ़ाई-लिखाई से भटक जाते हैं लक्ष्य को भूल जाते हैं।

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महिलाएं ई-सेक्स मैनियाक से सावधान रहें”

हर महिला के फेसबुक की ब्लाॅक लिस्ट में शायद सौ से ज़्यादा मानसिक तौर पर जो विकृत होते है ऐसे लोग पड़े होंगे। सोशल मीडिया महिलाओं के लिए बहुत ही असुरक्षित और ख़तरनाक होता जा रहा है। ई-सेक्स मैनियाक यानी जो मानसिक तौर पर विकृत होते है ऐसे लोगों की भरमार मिलती है। हर महिला के मैसेंजर पर लाइन लगी होती है। मानों महिलाओं को फसाने का मौका ढूँढ रहे होते है। फेसबुक और इंस्टा पर जाल बिछा रखी है ऐसे बेशर्मों ने। इनको लगता है फेसबुक पर रहने वाली हर औरत चीप है और इन जैसों की प्यास बुझाने ही बैठी है। ये प्रोसेस फेसबुक मैसेंजर पर हाय, हैलो से शुरू होती है। पहले डीपी पर लगी तस्वीर की तारीफ़ों के पुल बाँधते चिकनी चुपड़ी और सैक्सी भाषा का प्रयोग करते खुद को महिला का बहुत बड़ा आशिक जताने की कोशिश करते है। बाईस-पच्चीस साल के लड़के उम्र तक नहीं देखते और चले आते है लाइन मारने।

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वूमेन्स डे स्पेशल

“21वीं सदी की दहलीज़ पर खड़े अब स्त्री विमर्श लिखना कुछ अजीब लगता है”
अब लिखनी है महिलाओं की स्वतंत्रता, मुखरता और आत्मसम्मान कई बातें क्यूँकि आज महिलाएं कहाँ से कहाँ पहुँच गई है। हवाई जहाज उड़ाने से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों में सीईओ बनकर परचम लहरा रही है। तो अब ऐसी विवाहिता महिलाओं की शान में साहित्य को क्यूँ न सजाया जाए, जिसे पढ़कर जो गिनी चुनी अबलाएं अब भी कुएँ के मेढ़क सी छिछरे पानी में तैरने की कोशिश कर रही है वह भी समुन्दर लाँघने की हिम्मत कर जाएँ।

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महिलाओं को अधिकारों के प्रति किया जागरूक

कानपुर। माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा दिए गए दिशा- निर्देशों के अनुपालन में माननीय जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर मयंक कुमार जैन की अध्यक्षता में आगामी 12 मार्च को दीवानी न्यायालय परिसर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर श्रीमती श्रद्धा त्रिपाठी द्वारा बताया गया। यह भी बताया गया कि उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में दीवानी न्यायालय में लंबित सभी प्रकार के वाद जो सुलह योग्य हैं का निस्तारण किया जाएगा एवं पीएलवी, पैनल लॉयर, आशा बहूओं व आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

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शिवरात्रि में करवाए बच्चों से शिव का आह्वान

शिव ईश्वर का सत्यम-शिवम-सुंदरम रूप है। शिव वो है जो सहजता एवं सरलता से सुशोभित होते है। वे ऐसे ध्यानमग्न योगीश्वर है जो नीलकंठ बनकर अपने भीतर विष को ग्रहण किए हुए है और भुजंगधारी बनकर विष को बाहर सजाए हुए है। इसके विपरीत भी उमापति की एकाग्रता, शांतचित्त रूप और ध्यान में कहीं भी न्यूनता परिलक्षित नहीं होती। वैभव देने वाले भोलेनाथ स्वयं वैरागी रूप में विराजते है। सृष्टि के कल्याण के लिए शांत भाव और सहजता से विषपान को स्वीकार करते है। शिवतत्व ही सृष्टि का संहारक है।विषपान के पश्चात भी सहर्ष ध्यान साधना में लगे रहना ही शिव की उत्कृष्टता है। जीवन का भी यहीं सत्य है। जीवन तो सुख-दु:ख का विधान ही है। देवाधिदेव महादेव हमें ध्यान में मग्न होकर एकाग्र होने की प्रेरणा देते है। देवाधिदेव महादेव को कोई भी प्रसन्न कर सकता है। शिव की भक्ति तो सदैव ही फलीफूत होती है। पुराणों में उल्लेखित है की मात्र शिव ही एक ऐसे भगवान है जो शीघ्र प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान दे सकते है। उनकी भक्ति तो सांसरिक आडंबर से दूर रहकर विष और कठिन परिस्थितियों के बीच भी स्वयं को शांत और तल्लीन रहने की प्रेरणा देती है। उनकी भक्ति से तो हर मनोकामना की पूर्ति की जा सकती है।

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लड़कियों को तंदुरुस्त बनाईये

माँ जो जगदाधार है, माँ जो परिवार की नींव है उसे खुद को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्त्री को ममता की मूरत माना जाता है, माँ बनना हर औरत का सपना होता है। लड़की की शादी के बाद कुछ ही समय में परिवार और रिश्तेदार वाले पूछते रहते है, खुश ख़बर कब सुना रही हो? लेकिन आजकल देखा जा रहा है की कई महिलाएं मां नहीं बन पा रही है। या तो गर्भ ठहरता भी है तो दो ढ़ाई महीने बाद बच्चे का विकास अटक जाता है, और अबोर्शन करके अविकसित गर्भ निकलवाना पड़ता है। हर माता-पिता का फ़र्ज़ है की अपनी बच्ची को बचपन से ही हैल्दी खानपान से तंदुरुस्त बनाईये, क्यूँकि बेटी को अपने अंदर एक जीव को पालना है, जिसके लिए उसका खुद का शरीर स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। आजकल हर पाँचवी लड़की को माँ बनने में कोई न कोई दिक्कत आती है। महिलाओं के मां न बन पाने के कई कारण हो सकते है। जिसमें काफ़ी हद तक उनकी लाइफस्टाइल ज़िम्मेदार होती है। खासकर खान-पान बाहर का खाना जिसमें प्रिज़र्वेटिव और फूड़ कलर की मात्रा अधिक होती है। मैदे से बने जंक फूड का अधिक सेवन, ओवर ईटिंग, मोटापा, ज़रूरत से ज़्यादा डायटिंग, अचानक वज़न बढ़ना या बहुत ज़्यादा वज़न घटना, एक्सरसाइज़ बिल्कुल न करना या ज़रूरत से ज्यादा एक्सरसाइज़ करना भी मां बनने में बाधक होता है। चरबी युक्त खाना खाकर जब मोटापा बढ़ जाता है, तो क्रैश डायटिंग करना शुरू कर देती है। इन सबके चलते शरीर में इतनी तेज़ी से हार्माेनल बदलाव होता है कि शरीर का हार्माेनल बैलेंस ही बिगड़ जाता है, जो माँ नहीं बन पाने का कारण बन जाता है।
आजकल लड़कियों में बहुत कम उम्र में ही पीसीओएस की समस्या भी देखी जा रही है। इसका कारण उनका ग़लत खानपान और स्ट्रेस है। पीसीओएस/पीसीओडी के कारण महिलाओं में ओवेल्यूशन नहीं होता, महिलाओं के शरीर में सामान्य की तुलना में बहुत अधिक हार्माेन्स बनते है। हार्माेन में इस असंतुलन की वजह से पीरियड्स नियमित नहीं रहते है ,आगे चलकर इससे प्रेग्नेंसी में समस्या आ जाती है।

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वामा सारथी कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया

मीरजापुर। उ0प्र0 पुलिस फैमिली वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष सोनिया गोयल की प्रेरणा से वामा सारथी परिक्षेत्रीय संरक्षक श्रीमती नेहा भारद्वाज, अध्यक्ष वामा सारथी दीपा सिंह, वामा सारथी सदस्य नीलम राय, पल्लवी चौधरी, प्रज्ञा मिश्रा के निकट पर्यवेक्षण में पुलिस लाइन स्थित मनोरंजन कक्ष में कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । उक्त प्रतियोगिता में कुल 22 छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया । जिसमें स्तर–Iअन्तर्गत कक्षा 1 से 5 तक तथा स्तर–II के अन्तर्गत कक्षा 6 से ऊपर के छात्र व छात्राएं ने प्रतिभाग किया । उक्त कार्यक्रम के दौरान प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन राम दुलार यादव व महिला थाना प्रभारी लक्ष्मी वर्मा सहित अन्य पुलिस बल के कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।

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बालिका सुरक्षा अभियान के तहत नौ-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की

कानपुरः जन सामना संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर क्राइस्ट चर्च डिग्री काॅलेज के महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘‘बालिका सुरक्षा अभियान’’ के अंतर्गत नौ दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला बिगत 17 से 25 अक्तूबर तक आयोजित की गई। कार्यशाला के माध्यम से छात्राओं को शारीरिक, मानसिक, आत्मिक और व्यावहारिक रूप से सबल व सुदृढ़ बनने की ओर प्रयास किया गया।
कार्यशाला का आरंभ ईश्वर की आराधना के साथ शुरू किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. जोजेफ डेनियल ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उद्घाटन किया। वहीं महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डाॅ. शिप्रा श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य संकाय, क्राइस्ट चर्च काॅलेज) ने प्रतिभागियों को इस कार्यशाला के उद्देश्य से परिचित कराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नव-दुर्गा के शक्ति-उपासना के नौ दिनों के समानांतर चलने वाली इस कार्यशाला का ध्येय सभी बालिकाओं में आतंरिक शक्ति एवं बाह्य दृढ़ता का संचार करना ही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यशाला का लाभ सभी छात्राओं को उनके सुरक्षित व स्वस्थ भविष्य के निर्माण हेतु मिलेगा।
इसके बाद ‘‘सशक्त नारी सशक्त भारत’’ विषय पर डाॅ. अर्चना पाण्डेय (एसोसिएट प्रोफेसर, बी.एन.डी. काॅलेज) द्वारा व्याख्यान दिया गया और हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।
नौ दिवसीय कार्यशाला में प्रयाग सिंह ने सभी प्रतिभागी छात्राओं को ताइक्वानडो और मार्शल आर्ट्सकी ट्रेनिंग सफलतापूर्वक दी। गौरतलब हो कि श्री सिंह कानपुर ताइक्वानडो एसोसिएशन के सह-सचिव हैं और राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनर भी हैं। उनके साथ सुश्री यशी सिंह ने आत्म-सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रेशर पाॅइंट अटैक को समझाया और सिखाया।

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