आगरा, जन सामना ब्यूरो। ग्राम रिहावली, जनपद आगरा में बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी के सौजन्य से दिव्यांग तैराक लक्ष्मी कुमार साहनी को “कला साधक सम्मान” प्रदान कर सम्मानित किया गया। उनके मिशन इंग्लिश चैनल के लिए उन्हें लघु आर्थिक मदद भी प्रदान की गई। पाँच बार पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर रिकार्ड बना चुके दिव्यांग लक्ष्मी साहनी अपनी खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं। तमाम सामाजिक संस्थाओं से सैकड़ों सम्मान/पुरस्कार अपने नाम कर चुके साहनी सरकारों की अनदेखी का शिकार हो चुके हैं।
Read More »Daily Archives: 8th October 2018
घर पर करें स्मोकी आई मेकअप
हम सभी को आई मेकअप करना पसन्द होता है और स्मोकी आई मेकअप तो हर फीमेल की फर्स्ट चाॅइस होती है, क्योंकि यह मेकअप उनके अपीयरेंस मे ग्लेमर तो ऐड करता ही है, साथ ही साथ देखने वाले को भी आकर्षित करता है। फ्रेंड्स की शादी से लेकर नाईट पार्टीज तक यह मेकअप हर तरह की ड्रेस के साथ सूट करता है।
यह स्मोकी आई मेकअप सुंदर लगने के साथ साथ फैशन में भी बना रहता है पर हम में से अधिकतर को परेशानी आती है की स्मोकी आई मेकअप कैसे किया जाए ? चूंकि यह आई मेकअप करना हार्ड लगता है इसलिए हम में से कई लोग इसके लिए महंगे पार्लर या सैलून में जाते है और पैसे के साथ अपना अमूल्य समय भी खर्च करते हैं।
जरा सोचिए अगर यही स्मोकी आई मेकअप आप अपने घर पर बैठे अपने आप कर सकें तो आप अपना हार्ड अर्न मनी और टाइम दोनों बचा सकतें हैं। इसीलिए आज हम लाये है जन सामना की ब्यूटी एडवाइजर व सी डब्लू सी ब्यूटी एन मेकअप स्टूडियो की सेलिब्रिटी मेकओवर एक्सपर्ट शालिनी योगेन्द्र गुप्ता के साथ घर पर ही स्मोकी आई मेकअप करने का मैथड।
यह स्मोकी आई मेकअप दिखने मे क्लासी तो होता ही है साथ ही यह कुछ ही मिनटों मे आसानी से हो जाता है। आपको सिर्फ मेरे बताये गए मैथड को फाॅलो करने की जरुरत है और आप भी कर सकती हैं घर पर पार्लर जैसा स्मोकी आई मेकअप।
स्मोकी आई मेकअप करने के लिए हमें चाहिये: कंसीलर, फाउंडेशन या बेस (अपनी स्किन के अनुसार) , लूज पाउडर, गोल्डन वाइट हाइलाइटर, आई शैडो (ब्लू और ब्लैक) , आई लाइनर, काजल, मस्कारा
स्वच्छ भारत अभियान को पलीता
स्वच्छता अभियान में वो तेजी नहीं आ पा रही है जितना प्रयास किया जा रहा है। महानगरों के नजारों को देखकर तो यही प्रतीत होता कि स्वच्छता अभियान के बहाने कहीं कहीं तो सिर्फ फोटो खिचाऊ बहाना ही मिल रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘हमें गंदगी और खुले में शौच के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, हमें पुरानी आदतों को बदलना है और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है। हमारे गाँवों में महिलाओं का गौरव एक महत्त्वपूर्ण विषय है…खुले में शौच समाप्त होना चाहिये…शौचालयों का निर्माण होना चाहिये…उनका उपयोग होना चाहिये।’’
गौरतलब हो कि स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य 2 अक्तूबर, 2019 तक स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ही शौचालयों के निर्माण में बढ़ोतरी दिनोंदिन की जा रही है और इसका उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है, लेकिन शौचालय योजना भ्रष्टाचार से अछूत ना रह सकी। कहीं कहीं तो शौचालय बनाकर सिर्फ खाना पूर्ति ही कर ली गई। उनकी गुणवत्ता को पूरी तरह से नकारा गया है। इसमें दो राय नहीं कि पुराने ढर्रे की कार्यशैली के आदी हो चुके अधिकारी इस योजना को खूब पलीता लगा रहे हैं। इस मामले की शिकायतें जब होती हैं तो अधिकारी कार्रवाई के वजाय लीपापोती कर अपनी जेब जरूर भर लेते हैं। इस बन्दरबांट में निचली स्तर से लेकर जिले के आलाधिकारी भी अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। खास बात यह भी है कि अधिकारी तो नजरअन्दाजी कर ही रहे हैं सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी अपनी आंखें बन्द किए हैं और सबकुछ देखते हुए भी अनदेखा किये हैं।
ध्यान देने योग्य तथ्य यह हैं कि स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफाॅर्मों का उपयोग किया गया। लेकिन इसे जितनी सफलता मिलनी चाहिए वह नहीं मिलती दिख रही है।