Thursday, May 16, 2024
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प्राचीन किले, गढ़ियां एवं चंदेल कालीन तालाबों को चिन्हित करते हुए पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का दिया सुझाव

लखनऊ/झांसी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने गत दिवस जनपद झांसी के ग्राम लहर ठकुरपुरा के चन्देल कालीन तालाब के पुनरुद्धार कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने बबीना हाइ-वे के पास अमृत योजना के अन्तर्गत स्वीकृत झाँसी महानगर पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-2 के चल रहे कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने बरुआसागर किला का भी निरीक्षण किया और पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने तालाब की जलकुम्भी हटाने के लिये जल सहेलियों व परमार्थ समाजसेवी संस्थान सहित जिला प्रशासन की प्रशंसा करते हुये तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। तालाब के चारों ओर बाउंड्री वॉल बनवाने तथा लाइट की व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
लहरठकुरपुरा गांव के तालाब के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी झांसी रविन्द्र कुमार ने जानकारी देते हुये बताया कि तालाब चंदेल कालीन युग का एक बेमिसाल तालाब है, परंतु अपना अस्तित्व लगभग होने की कगार पर था, जिसे मनरेगा ग्राम निधि एवं व्यापक जन सहयोग से पुनर्जीवित किया गया है। परमार्थ समाज सेवी संस्थान की जल सहेलियों द्वारा भी इस पुनीत कार्य में अपना योगदान दिया गया। उन्होंने बताया कि ग्राम लहार में लगभग 1000 वर्ष पुराना चंदेल कालीन तालाब है, जिससे आस पास के गाँवों की लगभग 350 किसानों के खेतों की सिंचाई होती है। यह तालाब लगभग 82 एकड़ में फैला हुआ है। इस तालाब में ग्राम पंचायत सुकवां, रसीना, गणेशपुरा, लहर ठकुरपुरा एवं सिमिरिया में बरसात का पानी आता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि तालाब के जीर्णाेद्धार एवं पुनर्जीवित करने के लिए पूरे तालाब में फैली जलकुम्भी को जन भागीदारी एवं पाइपकल्वर्ट के माध्यम से जल प्रवाह के द्वारा बाहर निकालने का कार्य किया गया है, जिससे तालाब में पानी साफ हो गया है। जलकुम्भी हटाने से तालाब की मछलियों को नया जीवन मिला है, जिससे मछली पालन की सम्भानायें बढ़ गई। तालाब में जलकुम्भी की सफाई होने से आस पास के गांवों के जानवरों को पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध होने लगा है। तालाब में घाट निर्माण से गाँव के लोग अब कपडे धोने एवं नहाने के लिए पानी का इस्तेमाल करने लगे। तालाब में पानी रहने की वजह से आस-पास के गाँवों के जल स्त्रोतों में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा तालाब के सौन्दर्यीकरण हेतु आस पास एपेक्स बिछाने का कार्य किया गया है, जिससे तालाब को जल पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने बताया कि तालाब के पुनर्जीवन से गाँव के पलायन में कमी आई है। लहरठकुरपुरा तालाब के पानी को प्राकृतिक तौर पर साफ करके सिंचाई के लायक बना दिया गया है, जिससे आस पास के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए आसानी से जल प्राप्त हो सके। जानवरों के लिए वर्ष पर्यंत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। सिंचाई हेतु पानी मिलने से कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है जिससे आस पास के गांवों के किसानों की आय में वृद्धि संभव हो सकी।
मुख्य सचिव के विकास खण्ड बबीना के लहर ठकुरपुरा गाँव पहुचने पर ग्राम प्रधान श्रीमती राजेश्वरी देवी, श्री आजाद सिंह यादव व जल सहेलियों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने बुन्देलखण्ड का प्रसिद्ध मोनिया नृत्य प्रस्तुत किया, मोनिया नृत्य देखकर मुख्य सचिव ने ताली बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
इस दौरान मण्डलायुक्त डॉ. आदर्श सिंह, जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद सहित जनप्रतिनिधिगण, स्वयंसेवी संगठन के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।