♦ भावनाओं के गर्भ में दबा सुनामी है ‘शांत हूँ ठहरे पानी सा’ – डॉ. राजकुमारी
भावना ठाकर ‘भावु’: नई दिल्ली। दलित लेखक संघ दिल्ली द्वारा दलेस का त्रैमासिक मुख पत्र ‘प्रतिबद्ध’ के दस वर्ष पूर्ण होने पर ‘विषमता की चुनौतियाँ और पत्रकारिता की भूमिका’ विषय पर दलेस की अध्यक्ष डॉ. राजकुमारी की अध्यक्षता में कनॉट प्लेस दिल्ली में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर बहुचर्चित कहानीकार सुनील पवार की दूसरी पुस्तक ‘शांत हूँ ठहरे पानी सा’ काव्य संग्रह का विमोचन बतौर मुख्य अतिथि डॉ. कुसुम वियोगी, विशिष्ठ अतिथि केपी चौधरी, अध्यक्ष डॉ. राजकुमारी, भाषा सिंह, आनंद प्रधान, बजरंग बिहारी तिवारी, नवल कुमार किशोर, हीरालाल राजस्थानी के कर कमलों से हुआ।
ज्ञातव्य है कि सुनील पवार का यह प्रथम काव्य संग्रह है, इससे पूर्व इनका कहानी संग्रह बहुत चर्चित एवं लोकप्रिय रहा है। ये राजस्थान शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।नेपाल से आये विश्वेन्द्र पासवान, जगदीश पंकज, अशोक निर्वाण, सरिता संधू, चमनलाल नागर, राजस्थान से आयीं सुनीता वर्मा, आलोक शर्मा, सीमा माथुर, बलराम, सुनीता राजस्थानी, विक्रांत, राज वाल्मीकि, मुकेश मिरोठा, अंजली दुग्गल, सुनीता गौतम आदि की विशेष उपस्थिति रही।