Friday, September 20, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » छोटे अखबारों का उत्पीड़न करने से परहेज करे सरकारः के डी चंदोला

छोटे अखबारों का उत्पीड़न करने से परहेज करे सरकारः के डी चंदोला

कोल्हापुर। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने सरकार को चेतावनी दी है कि देश में भारी समिस्याओँ का सामना कर रहे छोटे व मंझोले अखबारों के साथ उत्पीड़न करना बंद नहीं किया तो देश भर में विरोध-प्रर्दशन कर सरकार की इस उत्पीड़क कार्रवाई का जोरदार विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि छोटे और मंझोले अखबार सरकार के निशाने पर हैं। छोटे-मंझोले अखबारों के प्रति राज्य सरकारों की रवैया भी भेदभावपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इन अखबारों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारें बराबर की जिम्मेवार हैं। यह स्वतंत्र पत्रकारिता को खत्म करने की कारवाई है। श्री चंदोला ने छोटे अखबारों को लेकर 1934 में पंडित जवाहर लाल नेहरु की उस टिप्पणी का उल्लेख किया जिसमें पंडित नेहरु ने कहा कि छोटे अखबार लोकतंत्र की रीढ़ हैं और उन पर किसी भी तरह का हमला मीडिया की आजादी पर हमले की तरह है। नेहरु ने कहा था, छोटे अखबार लोकतंत्र के न केवल महत्वपूर्ण स्तंभ हैं बल्कि वे निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रतिनिधि हैं। नेहरु ने इनकी रक्षा की भरपुर वकालत की थी।
श्री चंदोला ने यह टिप्पणी शनिवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक बैठक में की। श्री चंदोला नें कहा कि अखबारी कागजों पर से जीएसटी लगाये जाने के कारण खासकर छोटे अखबार भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। एसोसिएशन ने विज्ञापन नीति-2020 का पुर्नसमीक्षा करने की मांग की। उन्होने आरोप लगाया कि मौजूदा विज्ञापन नीति बड़े अखबारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य बनाई गई है जिसका छोटे अखबारों पर सीधा असर पड़ा है।
एसोसिएशन ने लघु व मझोले वर्ग के अखबारों के विज्ञापन में हिस्सेदारी कम करने पर सी0 बी0 सी0 की भी निंदा की।
श्री चंदोला ने डीएवीपी को आगाह किया है कि वो छोटे और मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं को नजरअंदाज करने से परहेज करे और विज्ञापन की हिस्सेदारी पर अतिक्रमण करना बंद करे।
एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने कहा कि अखबारों के प्रकाशकों की समस्याओं का समाधान करने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है और अपने स्तर से अखबार मालिकों की ही नहीं अपितु पत्रकारों के उत्पीड़न से संबंधित हर मामले को प्रेस काउंसिल में उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-मंझोले अखबारों की समस्याओं के लोकर हमें और अधिक संगठित होकर सरकार पर दवाब कायम करने की जरुरत है।
कर्नाटक से पधारे माला बोदी ने कहा कि इस समय पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पेनाल्टी से बचने के लिए वार्षिक रिटर्न भरने के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है। साथ ही आर एन आई द्वारा लगाई जा रही पेनाल्टी को रोकने का मुद्दा उठाया।
आंध्र प्रदेश से के0 परशुराम ने आंध्रा सरकार द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न का मामला उठाते हुए बताया कि प्रदेश में पत्रकारों का उत्पीड़न चरम सीमा पर है। वहीं गोपाल जी गुप्ता ने राजस्थान राज्य से प्रकाशित होने वाले अखबारों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार, छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जिसके कारण उनमें असंतोष है। उन्होंने भाषाई एकेडमी में पत्रकारों की भागीदारी सुनिश्चत करने की मांग भी मांग की।
महाराष्ट्र राज्य इकाई अध्यक्ष प्रदीप देवीदास कुलकर्णी ने कहा कि सरकारों को छोटे व मझोले अखबारों की समस्याओं को अनदेखा नहीं करना चाहिये। मप्र के अकरम खान ने पत्रकारों की उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं का जिक्र करते हुए इन्हें रोकने हेतु उचित कदम उठाने की बात रखी। एसोसियेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिनोद महापात्रा ने कहा कि अधिकार अब कोई मांगने से नहीं देता, इसलिये अधिकार मांगने की नहीं बल्कि संवैधानिक दायरे में रहकर छीनने की जरूरत है। उन्होंने लघु श्रेणी के अखबारों के सम्पादकों की पेंशन की भी मांग की।
एसोसिएशन की कोषाध्यक्ष भगवती चंदोला, महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष प्रदीप देवीदास कुलकर्णी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अप्पा साहेब पाटिल, एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण पाटिल, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चंद्रशेखर गायकवाड़, अरुण राजाराम वडेकर, गोरख तावड़े, मुकुंद जोशी, नेता जी मेश्राम, मारुति, गावड़ी, सम्राट संगर, सुमित कुलकर्णी, दत्तदेश पांडेय, अरुण वडेकर, मारुति नावलाई, तेजश्वनी सूर्यवंशी, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष अतुल दीक्षित, गुजरात राज्य के अध्यक्ष मयूर बोरीचा, गुलाब सिंह भाटी, रमन बरोट, राजस्थान से धर्मेंद्र सोनी, गोपाल जी गुप्ता, मध्यप्रदेश से अकरम खान, कर्नाटक से वेणु गोपाल के0 नायक, तारिक वेलकर, आंध्र प्रदेश से के0 वेंकट रेड्डी, सेंडीरेड्डी कोंडलाराव, एम0 कमल कुमार उड़ीसा से पधारे चन्द्र कांता सूतर, बिनोद महापात्र सहित अनेक अखबारों के प्रकाशक मौजूद रहे।