कानपुर देहातः प्रशान्त कटियार। हाल ही में स्थानांतरित हुए शिक्षकों को कार्य मुक्त करने के नाम पर बड़े पैमाने पर शोषण किए जाने की शिकायतों को शासन ने गम्भीरता से लिया है। विभिन्न जिलों में नोड्यूज सर्टिफिकेट एवं अन्य अभिलेखों के नाम पर स्थानांतरित शिक्षकों से हो रही वसूली की सैकड़ों शिकायतें मिलने के बाद शासन ने तत्काल मामले की गहनता से परीक्षण करने के बाद कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से फीडबैक लेकर सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही करें। इस बीच सैकड़ों शिक्षकों की शिकायतों के आधार पर कई जिलों के बीएसए व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी शासन के रडार पर हैं। सूत्रों का कहना है कि अंतर्जनपदीय शिक्षक स्थानांतरण में शिक्षकों के रिलीविंग के नाम पर शोषण की शिकायतें आ रही हैं। मसलन नो ड्यूज सर्टिफिकेट, अभिलेखों के नाम पर वसूली शुरू हो रही है। वसूली में बाधा बनने वाले या रिश्वत न देने वाले स्थानांतरित शिक्षकों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। स्थानांतरण ऑनलाइन होने की वजह से बीएसए शिक्षकों से कोई भी कमाई नहीं कर सके जिस कारण उन्होंने नया तरीका इजाद किया है और शिक्षकों से नोड्यूज बनाए जाने के नाम पर धन उगाही कर रहे हैं। इसकी शिकायत अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) से लेकर मुख्य सचिव तक विभिन्न माध्यमों से की गई है। शासन ने तत्काल स्कूल महानिदेशालय से इस मामले को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि वह गहनता से परीक्षण करते हुए शिक्षकों को पारदर्शी व्यवस्था से रिलीविंग एवं जॉइनिंग सुनिश्चित करें। जानकारों का कहना है कि स्कूल महानिदेशक ने स्थानांतरित हो चुके 16614 शिक्षकों के हर स्तर की रिलिविंग पर नजर रखने के लिए सभी का विद्या समीक्षा केंद्र से फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं ताकि दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा सके। साथ ही चिन्हित जिलों के बीएसए व अन्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर सचेत करते हुए लिखा है कि शासन के निर्देशों का शत प्रतिशत अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।