लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश में समग्र शिक्षा के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के 20169 परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प के लिए 613 करोड़ रूपये दिए गए हैं। विभाग ने इसके लिए बजट जारी कर दिया है। इससे विद्यालयों की दीवाल, विद्युतीकरण, मरम्मत, शौचालय निर्माण आदि कार्य कराए जाएंगे। साथ ही इन कार्यों की जियो टैग कराकर विभाग को अपडेट करानी होगी। विभाग की ओर से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी), विभिन्न निधियों व सीएसआर फंड आदि से परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करने की कवायद की जा रही है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं। इसी क्रम में विभाग ने समग्र शिक्षा के तहत 20169 विद्यालयों के सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से गैप एनालिसिस के आधार पर काम कराया जाएगा। इसके तहत विद्यालयों की चहार दीवारी, विद्युतीकरण, वृहद मरम्मत, बालक-बालिका शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। इसका काम शुरू होने से पहले, काम के दौरान और काम पूरा होने के बाद जियो टैग फोटोग्राफ भी राज्य परियोजना कार्यालय को भेजा जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि निर्धारित कार्य को सितंबर तक पूरा कराया जाए। किसी भी दशा में बजट का दोहराव न होने पाए। उन्होंने मदवार भी बजट खर्च की सीमा निर्धारित की है और इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
निदेशक ने कहा है कि बीएसए, बीईओ इन निर्माण कार्य की गुणवत्तापूर्ण तरीके से होने के लिए नियमित निरीक्षण करें।
गौरतलब हो कि सरकारी पाठशालाओं में शिक्षा का स्तर किसी से छुपा नहीं है। लोग मजबूरी में ही अपने बच्चों को सरकारी पाठशाओं में दाखिला दिलाते हैं। सक्षम परिवार तो निजी विद्यालयों में ही अपने बच्चों को भेजते हैं। ऐसे सवाल उठना लाजिमी है कि क्या भारी भरकम बजट से शिक्षा के स्तर में सुधार हो पायेगा ?