♦ वृंदावन में बांके बिहारी मन्दिर मार्ग पर वीआईपी रोड़ तक भरा पानी
♦ कॉलोनियों में कंधे तक पहुंचा पानी पलायन कर रहे निवासी
मथुरा। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, यमुना नदी खतरे के निशान 166 मीटर से ऊपर बह रही है। आशंका जताई जा रही है कि चल स्तर बढ़ने का यह क्रम जारी रहा तो 40 गांव और 12 कॉलोनी जलभराव की चपेट में आ सकते हैं। रविवार को वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर से 500 मीटर दूर तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका था।
स्थानीय लोगों के अनुसार करीब 10 साल पहले यहां यमुना का पहुंचा था। वहां रह रहे लोगों ने बताया कि उनके घर में 5 फीट से ज्यादा पानी भर गया। किसी तरह निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले कालीदह पर 45 साल बाद यमुना पहुंची थी। 1978 की बाढ़ में यहां पानी आया था। वृंदावन का पानी घाट क्षेत्र यमुना के पानी से लबालब भरा है, वहीं अस्थाई घर बनाकर रह रहे लोग अब सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं। लोग घरों का सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की तरफ ले जा रहे हैं।
ट्रैक्टर ट्रॉली से समान और पशुओं को निकाला जा रहा है। संत विजय कौशल महाराज के आश्रम में भी पानी भर गया है, वहीं परिक्रमा मार्ग में पानी बढ़ने से नाव द्वारा आवागमन किया जा रहा है, वहीं चीरघाट से केसी घाट जाने वाली रोड पर पानी आने से पैदल रोड बंद हो गया है। वहां छह फीट से ज्यादा पानी आ गया था, परिक्रमा मार्ग के रास्ते में कई जगहों पर यमुना का पानी सड़क पर बह रहा है। आशियाना में पानी भरा तो लोगों ने घरों को छोड़ना ही मुनासिब समझा। हजारीमल सोमानी इंटर कॉलेज में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्र में सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। यमुना के पानी में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए एहतियात के लिए बिजली विभाग ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी है ,जिसकी वजह घरों में लाइट नहीं आई। लाइट कटने की वजह से पीने के पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ा है, क्योंकि यमुना किनारे बने 12 नलकूप बाढ़ आने से बंद हो गए हैं।