Sunday, May 19, 2024
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मथुरा में अब यमुना का पानी कम होने लगा, लेकिन बीमारियां फैलने का डर

मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। यमुना का जलस्तर घट रहा है। बुधवार को जलस्तर 167.20 मीटर से घटकर 166.60 मीटर पर पहुंच गया। इसक बाद भी अभी यमुना खतरे के निशान पर बह रही है। यमुना नदी के सभी घाट जलमग्न हैं। यमुना के घाट के किनारे रास्तों पर सीवर का भरा हुआ है पानी। घाट जलमग्न होने की वजह से श्रद्धालु यमुना के बाहर से ही आचमन और पूजा कर वापस लौट रहे हैं। यमुना का जलस्तर कम होने से जलभराव ग्रस्त हुए कुछ रास्तों से पानी हट गया है। जलभराव इन स्थानों पर गंदगी का अंबार लग गया है। नाले और नालियां चोक हो गई हैं। नगर निगम ने इस दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया है, लोग कह रहे हैं कि नगर निगम लापरवाही बरत रहा है। इससे बीमारियां फैलने का अंदेशा भी बढ़ गया है।
प्रयाग घाट से प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर और यमुना महारानी के प्रसिद्ध विश्राम घाट के लिए जाने वाले मार्गों की हालत भी खराब है। इन रास्तों पर दो से तीन फीट पानी था, लेकिन अब पानी घट गया है। यहां के रहने वाले लोग बिजली और पानी की किल्लत झेल रहे थे। तीन दिन से इस इलाके में बिजली नहीं थी। अब प्रशासन ने जैसे ही पानी कम हुआ तो यहां की बिजली और पानी की व्यवस्था बहाल कर दी है। यमुना का पानी कम होने की वजह से आसपास गलियों में गंदगी का अंबार है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर नगर निगम के कर्मचारियों को सफाई के लिए भेजना चाहिए यहां तमाम गंदगी का अंबार लगा हुआ। पुरुषोत्तम मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मथुरा और वृंदावन में आना रहता है। गंदगी का अंबार देखकर कहीं न कहीं श्रद्धालुओं की भावनाएं भी आहत हो रही है इस और प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।