मथुरा। संस्कृति विश्विद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि और प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण होने के बाद से कमाई करने के लिए तो बहुत से शिक्षण संस्थान इस क्षेत्र में उतर आए हैं किंतु शिक्षा देने का उद्देश्य लेकर समाज के लिए जो कार्य संस्कृति विश्वविद्यालय व उसके कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता कर रहे हैं, वह वास्तव में एक पुण्यकार्य है क्योंकि इससे यहां के छात्र आत्म निर्भर हो रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उपाधि एवं पदक की सबसे अधिक ख़ुशी माता पिता को होती है क्योंकि वहीं से बच्चे अपने जीवन का पहला पाठ पढ़ते हैं। माता-पिता का सानिध्य और उनसे मिले संस्कार ही बच्चों की पहली पाठशाला होते हैं। उन्होंने इसके लिए सभी माताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि वह कष्ट उठाकर भी आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। पिता की भूमिका भी समान होती है, वह कड़ी मेहनत एवं ड्यूटी कर आपको सुविधाएं प्रदान करते हैं, तब जाकर आज आपको पदक प्राप्त होता है। इस दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय में उन्होंने 100 आंगनवाड़ी केन्द्रों को किट वितरित कीं।
विश्वविद्यालय 100 गरीब बेटियों को मुफ्त शिक्षा देने जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों को छत दी है, महिलाओं को गैस दी है। विभिन्न योजनाए 7 साल से चल रही हैं। बच्चों को ड्रेस, किताब आदि दीं जिसका परिणाम भारत में 16 करोड़ परिवार गरीबी से बहार निकले हैं। इसमें सभी का योगदान है। सरकार ब्लॉक स्तर तक जा रही है ताकि जल्द ही भारत से गरीबी का निर्मूलन हो जाये। 2003 में बैंगलोर जाकर अक्षय पात्र की जानकारी की, उसके बाद उस मॉडल को गुजरात में लागू करवाया, जिससे आज बच्चे गरम भोजन पा रहे हैं। अक्षय पात्र के महाराज जी ने इस बात की चर्चा की जो सामग्री बचती है, उससे सप्ताह में प्रत्येक बच्चे को मिठाई दी जा सकती है और इस पर काम शुरू है। उन्होंने कहा की गरीबी से लोगों को निकालने का सबसे अच्छा माध्यम शिक्षा ही है। 5160 आंगनवाड़ी केन्द्रों को 32000 की शैक्षणिक किट वितरित की गई है। उन्होंने कहा की मथुरा जिले में जिलाधिकारी के माध्यम से 1000 से ज्यादा आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालित कर रहे हैं। पहले आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 20 बच्चे आते थे, अब इन सुविधाओं से 40 बच्चे पहुंच रहे हैं। यह योजना पूरे भारत में चलाने की आवश्यकता है। 21 वीं सदी में आप सभी भाग्यशाली हैं कि आपको सब कुछ मिला है। जिनको नहीं मिला है, उनको देने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा की लोगों को जन्मदिन होटल में मनाने की जगह आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जाकर बच्चों के बीच मनाना चाहिए। उन्होंने कहा की यूनिवर्सिटी और आंगनवाड़ी को जोड़ने की आवश्यकता है। यूनिवर्सिटी को 5 गांव गोद लेने पड़ेंगे। एक यूनिवर्सिटी 5 गांव में परिवर्तन ला सकती है। हम जब तक गांव नहीं जायेंगे, तब तक समस्याओं का पता ही नहीं चलेगा। गांव जाकर गांव का सर्वे कीजिए महिलाओं को प्रेरित करिए जब कुलपति, प्रोफेसर, डॉक्टर गांव जाएंगे और बताएंगे कि वह इस काम के लिए आए हैं तो उन लोगों पर आपकी बातों का प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स, साइबर सिक्योरिटी की काफी जरुरत है। कोरोना काल में प्रदेश के 30 यूनिवर्सिटी में 30 दिन, 20 बिंदुओं पर ऑनलाइन बैठक की और मार्गदर्शन किया और संसाधन बढ़ाने के लिए आदेश दिया।
समारोह में लोक सभा सदस्य हेमा मालिनी, कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, संस्कृति ग्रुप ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन राम कैलाश गुप्ता, प्रो चांसलर राजेश गुप्ता, विजन ग्रुप के चेयरमैन मुकेश गुप्ता, उद्योगपति एस एस अग्रवाल, सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति डॉ. एमबी चेट्टी आदि मौजूद रहे।