हाथरस। जिले के थाना हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव रामपुर नगला खड़ग में एक व्यक्ति ने रेलवे की 90 बीघा जमीन कब्जा कर ली थी और कोर्ट में केस डाल दिया था। पिछले 25 साल से रेलवे के द्वारा अपनी जमीन पर कब्जा लेने के लिए केस लड़ा जा रहा था। आज कोर्ट के द्वारा रेलवे के हक में फैसला सुना दिया और जमीन को रेलवे के अधिग्रहण में देने के आदेश जारी कर दिए। जिसके बाद रेलवे अधिकारियों ने रामपुर स्थित 90 बीघा जमीन पर पहुंचकर उसको कब्जा मुक्त करा कर अपने कब्जे में ले लिया है। उत्तर मध्य रेलवे के हाथरस जंक्शन स्टेशन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली लगभग 90 बीघा जमीन को दो दशक से अधिक समय बाद मुक्त करा लिया है। दल-बल के साथ रेलवे अधिकारी, आरपीएफ व सिविल पुलिस ने अवैध निर्माण को तुड़वाते हुए कब्जा लिया।
हाथरस जिले के हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव नगला खरग के निकट रेलवे के एक पूर्व कर्मी की पत्नी ने लगभग 90 बीघा जमीन पर कब्जा किया हुआ था। रेलवे ने जमीन को कब्जा मुक्त न करा पाने पर वर्ष 1999 में न्यायालय की शरण ली थी। मामले में निर्णय होने के बाद आईओडब्ल्यू हाथरस जंक्शन नंदकिशोर के नेतृत्व में आरपीएफ प्रभारी कृष्णकुमार, हाथरस जंक्शन थाना प्रभारी गिरीश गौतम व जीआरपी की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। यहां बनाए गए एक अवैध निर्माण को जेसीबी से गिराया गया। टीम ने पूरी जमीन पर अपना कब्जा किया है। इसे प्रयागराज मंडल में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। रेलवे के अधिकारियों द्वारा लगातार न्यायालय में पैरवी की जा रही थी और अपनी विभाग की जमीन को कब्जे से मुक्त कराने के लिए न्यायालय में पैरवी की जा रही थी। इसी के चलते न्यायालय के द्वारा रेलवे के हक में फैसला सुनाया गया और लगभग 25 साल बाद रेलवे को अपनी 90 बीघा जमीन वापस मिली है।