Sunday, June 2, 2024
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शिक्षकों की पदोन्नति में यूपी टीईटी बन सकता है रोड़ा, सुनवाई कल

कानपुर देहात। लंबे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति पर फिर से संकट मंडराने लगा है। परिषद की ओर से जिलों में वरिष्ठता सूची तैयार करने में टीईटी पास शिक्षकों की जानकारी मांगी गई है। ऐसे में शिक्षकों को यह चिंता सताने लगी है जिन्होंने टीईटी पास नहीं की है वे कहीं पदोन्नति की सूची से बाहर न हो जाएं। अगर टेट लागू किया गया तो कई शिक्षक वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर होने के बाद भी पदोन्नति के लाभ से वंचित रह जाएंगे। वहीं प्राइमरी से जूनियर में प्रमोशन के लिए एनसीटीई की गाइड लाइन के अनुसार टीईटी पास शिक्षकों की पदोन्नति करने की बात कही गई है। ऐसे में उन शिक्षकों को पदोन्नति न मिलने का डर सताने लगा है जिन्होंने प्रदेश में टीईटी लागू होने के पहले नियुक्ति पाई थी और बाद में टीईटी करना उन्होनें उचित नहीं समझा। पदोन्नति में टेट की अनिवार्यता संबंधी विवाद का वर्ष 2019 में समाधान हो जाने के पश्चात् ही सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय की पदोन्नति में कोई भी विधिक बाधा नहीं थी। इसके उपरांत भी शासन द्वारा पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ करने में 4 वर्ष से अधिक का समय लगाया जाना समझ से परे है। यह पदोन्नति प्रक्रिया 4 वर्ष पूर्व ही संपन्न हो जानी चाहिए थी। इस नुकसान के लिए शासन ही नहीं अपितु स्थापित शिक्षक संगठन भी पूर्ण रूपेण जिम्मेदार हैं जो विधिक रूप से स्थापित तथ्यों को प्रस्तुत कर शासन से आदेश कराने में इतने सालों तक सफल नहीं हो सके। अब कई शिक्षकों द्वारा टेट की अनिवार्यता को लेकर पुनः कोर्ट केस किया गया है जिसकी सुनवाई 9 अगस्त 2023 को है। अब कोर्ट केस के निर्णय के बाद ही पदोन्नति की प्रक्रिया आगे बढ़ने की संभावना है। आशा है अब शीघ्रता से कार्यवाही होगी और सालों से अपने अधिकारों से वंचित अध्यापकों की पदोन्नति हो सकेगी।