Wednesday, May 22, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » शब्द संयोजन और उसका प्रयोजन करना आना चाहिएः स्वामी गोविंदानंद तीर्थ

शब्द संयोजन और उसका प्रयोजन करना आना चाहिएः स्वामी गोविंदानंद तीर्थ

मथुरा। गौ, ब्राह्मण के हितैषी, गरीब जरूरतमंदों की नर नारायण सेवा भाव के उपासक गोलोकवासी जयंती प्रसाद अग्रवाल की पुण्यतिथि पर गोधूलि पुरम स्थित जयंती प्रसाद वैदिक विद्याश्रम में भावांजलि अर्पित की गई। मुख्य वक्ता संत स्वामी गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने जयंती प्रसाद अग्रवाल के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शब्द ब्रह्म है। शब्द संयोजन और उसका प्रयोजन करना आना चाहिए। हमारा वैदिक विद्याश्रम भी शब्दों का संयोजन करता है, जिसका प्रयोग एवं वितरण पूरे देश और दुनिया में यहां के स्नात्तक करते हैं। विद्वान डा. रामकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत प्रत्येक भाषा की जननी है। अध्यक्षता आचार्य बद्रीश ने की। बसेरा ग्रुप के चेयरमैन रामकिशन अग्रवाल एवं सेठ बृजमोहन अग्रवाल ने सभी अतिथि संतों का स्वागत किया। इस मौके पर संत महेश बाबा, राजेंद्र उपाध्याय, महंत हरिबोल बाबा, बृजेंद्र कौशिक, चंद्रलाल शर्मा, सूरजभान शर्मा, सतीश चंद पाराशर, स्वामी गौरव स्वरुप, वरुण शंकर द्विवेदी, श्याम नारायण पांडेय, भगवन त्रिपाठी, गुरुशरण एवं चौतन्य स्वरूप गौड़ के साथ विद्याश्रम के छात्र आदि उपस्थित थे। संचालन आचार्य बनवारी लाल गौड़ ने किया।