Sunday, July 21, 2024
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सीएमओ कार्यालय लापरवाही से परिसर में गैस रिसाव से मचा हड़कंप

मथुरा, जन सामना ब्यूरो। सीएमओ कार्यालय परिसर में गैस रिसाव होने से हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। जिस जगह गैस का रिसाव हुआ बगल में ही एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र है। इस केन्द्र में बडी संख्या में छात्राएं प्रशिक्षण ले रही हैं। गैस की चपेट में आईं छात्राओं को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। सीएमओ कार्यालय में शुक्रवार सुबह 11 बजे एएनएम प्रशिक्षण केंद्र के बगल में पंप हाउस से क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया। गैस पूरे परिसर में फैल गई। अचानक गैस को देख कार्यालय में अफरा तफरी मच गई। एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में पढ़ाई कर रही कुछ् छात्राएं जमीन पर गईं। सूचना पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। मथुरा रिफाइनरी से भी टीम मौके पर पहुंच गई। फायर बिग्रेड के कर्मियों को भी मौके पर बुला लिया गया। कर्मचारियों ने लम्बी मशक्कत के बाद गैस रिसाव पर काबू पाया। क्लोरीन गैस के रिसाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही खुलकर सामने आई।
बताया जाता है कि गुरुवार शाम को भी क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ था। इसके बाद सीएमओ ने फायर ब्रिगेड को सूचना देकर बुलाया। पंप हाउस में रखे क्लोरीन के दोनों सिलेंडर को ठीक से चेक नहीं किया गया। एएनएम का कोर्स कर रहे दो दर्जन छात्र छात्राएं इसकी चपेट में आ गए। दो की हालत गंभीर हो गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में करीब सात आठ साल पहले एक कमरे में क्लोरीन से भरे सिलेंडर रख दिए गए थे। उसके बाद इस कमरे को खोला नहीं गया। सुबह करीब 11 बजे कमरे से अचानक गैस का रिसाव होने लगा। गैस रिसाव होते अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। यहां एएनएम का कोर्स करने के लिए आए छात्र रागिनी, शालिनी, कुसुम, जितेंद्र, सर्वेश, सोनल वर्मा, ज्योति, कविता और प्रियंका दो दर्जन छात्र छात्राएं गैस की चपेट में आ गए। दो छात्रों की हालत बिगड़ गई। वे बेहोश होकर वहीं गिर गए। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंच गई और कमरे को तोड़कर सिलेंडर को बाहर निकाला गया। कमरे दो सिलेंडर रखे हुए थे। एसीएमओ डॉ. भूदेव सिंह ने बताया कि कमरा कई साल से बंद था और इसके अंदर दो सिलेंडर रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ये क्लोरीन गैस है। जो पानी को साफ करने के लिए प्रयोग की जाती है। मगर, इसकी पुष्टि करने के लिए एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है। जो छात्र गैस की चपेट में आए। उनकी हालत अब ठीक है।