Sunday, October 6, 2024
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दीपावली पर हुये राया पटाखा कांड में अब तक 8 दिन में 11 मौतें

♦ नौहझील के एक ही परिवार के चार मौतों से कस्बे में कोहराम
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। हे प्रभु अब तो रहम करो। बस यही पंक्ति कस्बा नौहझील के हर व्यक्ति की जुबान से निकल रही हैं। एक ही परिवार में चार मौतों से कस्बे में कोहराम मच गया है। मोहन सिंह के परिवार में मौतों का सिलसिला अनवरत जारी है। सोमवार को एम्स हॉस्पिटल दिल्ली में राया अग्निकांड का शिकार हुए रिंकू ने भी दम तोड़ दिया। रिंकू की मौत का दुखद समाचार उसके परिवार के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं है। दीपोत्सव पर्व पर कस्बा नौहझील के मोहन सिंह और उनके बच्चे आतिशबाजी का सामान बेच रहे थे। शायद उन्होंने कभी सोचा भी न होगा की यह दीपावली उनके लिए काल बनकर आई है। राया के पटाखा बाजार के अग्निकांड को नौहझील का यह परिवार ही नहीं बल्कि पूरा कस्बा कई दशकों तक कभी नहीं भूलेगा। मोहन सिंह और उसके तीन बेटे राजेश, रिंकू और जतिन पटाखा बाजार की उस आग में बुरी तरह झुलस गए थे। उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल मथुरा ले जाया गया। वहां से उन्हें एम्स हॉस्पिटल दिल्ली रेफर कर दिया गया। बड़े अस्पताल में इलाज चल रहा था तो घर वालों को उम्मीद थी कि यह लोग जल्द ठीक होकर घर आएंगे। मगर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। गुरुवार को मोहन सिंह के मंझले बेटे राजेश का अंतिम संस्कार हुआ। अभी राजेश की मां फूलवती अपने बेटे की मौत से संभल भी नहीं पाई थी कि अगले दिन ही उसके पति मोहन सिंह की मृत्यु का समाचार आ गया। मोहन सिंह का अंतिम संस्कार हुआ। उसके बाद फिर अगले दिन मोहन सिंह के चाचा बाबूलाल के नाती राहुल की मौत के समाचार ने तो मानो सबको झकझोर कर रख दिया। सबको उम्मीद थी कि मोहन सिंह के बेटे रिंकू और जतिन अस्पताल में मौत से चल रही जंग को जीत लेंगे मगर रिंकू भी जिंदगी से जंग लड़ते लड़ते सोमवार को हार गया। रिंकू का शव पोस्टमार्टम होने के बाद देर शाम घर आया, जहां परिजनों द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया।