Sunday, July 7, 2024
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धर्म का पालन करने से ही जीव का कल्याण होता है-स्वामी सत्यानंद

फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। अखिल भारतीय सोहम महामंडल शाखा फिरोजाबाद के तत्त्वावधान में चल रहे संत सम्मेलन में सोहमं पीठाधीश्वर सत्यानंद महाराज ने कहा कि धर्म का पालन करने से ही जीव का कल्याण होता है। मानव जीवन प्राप्त होने के बाद भी जो लोग धर्म कार्य के लिए समय नहीं निकाल पाते, वह बाद में पश्चाताप करते हैं।
उन्होंने कहा कि ईश्वर ने केवल संसार के सब जीवो में मनुष्य को ही बुद्धि प्रदान की है, हमें अपने वुद्वि के विवेक से नीति अनिति का फैसला करते हुए जीवन के निर्णय लेने चाहिए। स्वामी शुकदेवानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य को यदि जीवन में शांति प्राप्त करनी है तो उसे अपने मन की कामनाओं को नियंत्रित करना होगा। मन के अंदर के मेल को समाप्त कर जीवन से राग द्वेष को समाप्त करना चाहिए। सही अर्थो मैं सद् कर्म ही जीव का धर्म है। स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी अनंतानंद, स्वामी प्रणवानंद, स्वामी निगमानंद आदि संत जनों ने कहा कि मनुष्य के जीवन में सच्चा सुख भगवान के स्मरण और अपने जीवन को कर्म के साथ-साथ धर्म में भी लगाने से प्राप्त होता है। स्वामी नारायणानंद ने मंच संचालन किया। श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक पंडित राम गोपाल शास्त्री ने रुक्मणी विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान प्रेम के बश में है। रुक्मणी का भाई शिशुपाल के साथ उसका विवाह करना चाहता था। रुक्मणी ने भगवान श्री कृष्ण को मन ही मन में अपना पति स्वीकार कर लिया था। भाई के विरोध पर रुक्मणी ने भगवान श्री कृष्ण को जब याद किया तो वह उसके संकल्प की रक्षा के लिए स्वयं दौड़ कर पहुंच गए और भगवान द्वारा रुक्मणी के मान की रक्षा की गई। इस अवसर पर रुक्मणी और भगवान श्री कृष्ण की मनोहारी झांकी भी सजाई गई।