Wednesday, July 3, 2024
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जनहित कार्यों में खरे नहीं उतरे निरीक्षक व उप निरीक्षक, किया गया स्थानांतरण !

पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। जिले में पुलिसिंग को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए पुलिस अधीक्षक रायबरेली अभिषेक अग्रवाल स्थानांतरण की कवायद शुरू कर दी है। इस बीच एसपी ने कई थाना क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक व उप निरीक्षक के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। इस स्थानांतरण आदेश में गौरतलब यह भी है कि शिकायत होने वाले निरीक्षक और उप निरीक्षक भी शामिल है।
बुधवार की देर शाम जिले की पुलिस मीडिया सेल द्वारा सार्वजनिक किए गए स्थानांतरण आदेश में निरीक्षक ओमप्रकाश तिवारी को रिजर्व पुलिस लाइन से बुलाकर पीआरओ (पुलिस अधीक्षक) का कार्य सौंपा है। साथ ही वर्तमान पीआरओ श्रवण कुमार श्रीवास्तव को शिवगढ़ थाना क्षेत्र की गुवामा चौकी का कार्यभार सौंपा गया, गुवामा में तैनात रहे उप निरीक्षक भारत सिंह तोमर को थाना जगतपुर में भेजा गया। इसी क्रम में साइबर क्राइम में तैनात निरीक्षक अनिल कुमार सिंह को ऊंचाहार प्रभारी निरीक्षक का पदभार संभालने का आदेश जारी किया गया है। साथ ही विगत कई दिनों से आरोपों से घिरे ऊंचाहार के मौजूदा कोतवाल आदर्श कुमार सिंह का स्थानांतरण करके उन्हें जिले की अपराध शाखा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात प्रभारी निरीक्षक विंध्य विनय यादव को साइबर क्राइम का प्रभारी बनाया गया है। थाना कोतवाली नगर में तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक अजय कुमार मिश्रा को थाना हरचंदपुर क्षेत्र के गुल्लुपुर चौकी का प्रभार सौंपा गया और गुल्लूपुर में तैनात रहे उपनिरीक्षक अनिल कुमार यादव को रिजर्व पुलिस लाइन भेजा गया। इसी तरह उपनिरीक्षक विवेक त्रिपाठी का भी कार्यभार संतोषजनक न होने पर करीब 3 महीने के अंदर उन्हें दूसरी बार स्थानांतरित कर दिया गया और डलमऊ कोतवाली से हटाकर लालगंज थाना क्षेत्र के नरपतगंज चौकी का प्रभार सौंपा गया। नरपतगंज चौकी में तैनात मनोज कुमार यादव को थाना डीह भेजा गया।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल के द्वारा पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण आदेश में स्पष्ट किए गए स्थानांतरण के कारण पर यदि गौर किया जाए तो वह विचार करने योग्य है। स्थानांतरण आदेश की प्रति में सभी पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के कारण में जनहित का कारण स्पष्ट करते हुए स्थानांतरित किया गया है।
यहां विचार करने योग्य यह बात है कि उक्त स्थानांतरण आदेश को यदि जनहित में पारित किया गया है तो क्या यह मान लिया जाए कि पूर्व में तैनात सभी पुलिसकर्मी जनहित के कार्यों में खरे नहीं उतर रहे थे या फिर थाना क्षेत्र में उनकी कार्यशैली संतोषजनक नहीं रही।
उल्लेखनीय है कि फरियादी अपनी शिकायत लेकर कानून की चौखट तक पहुंचता है तो वह अधिकारियों का चेहरा नहीं देखता, वह सिर्फ न्याय की आस लेकर खाकी की तरफ देखता है। जरूरी नहीं है कि एक अधिकारी के स्थानांतरण कर देने से दूसरा अधिकारी कुर्सी पर बैठकर फरियादियों के प्रति संतोषजनक व्यवहार ही करेगा। यहां पर उच्च अधिकारियों को निरीक्षण करने की आवश्यकता है, आम जनमानस में कानून के प्रति विश्वास पैदा हो इसके लिए अधिकारियों को फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उचित समाधान करना चाहिए।