Thursday, September 19, 2024
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अरविंद केजरीवाल के उत्तराधिकारी को लेकर हलचल तेज

राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की धोषणा के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर कयासों का दौर जारी है। सोमवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा अभी सीएम के नाम पर चर्चा नहीं हुई है। इस पर फैसला केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा।
माना जाता है कि केजरीवाल अपने उत्तारधिकारी के तौर पर एक ऐसे नाम पर विचार कर रहे हैं जो विधायकों को स्वीकार्य हों बल्कि पार्टी लिए चुनौती न बने। जाहिर है आप नेतृत्व एक ऐसे प्रमुख नेता को चुनना चाहेगा जो प्रमुख मुद्दों पर पार्टी की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सके और पार्टी के नेताओं के बीच व्यापक स्वीकार्य हो। शीर्ष पद के लिए आप जिन कुछ नमों पर विचार रही है उनमें आतिशी, सुनीता केजरीवाल, गोपाल राय और कुलदीप कुमार शामिल हैं।
आज ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति की हुई बैठक में समझा जाता है कि दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई। हालांकि आप पार्टी के नेता मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस्तीफे तक कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। है। केजरीवाल के संभावित उत्तराधिकारियों के नाम की चर्चा तेज हो गई है। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तब तक नहीं बैठेंगे, जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं दे देती।

आतिशी मार्लेना: दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में एक नाम सबसे आगे है। वह कालकाजी की विधायक और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का। अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद से ही आतिशी अपने सरकारी दायित्व के साथ-साथ पार्टी के कामकाज में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। सरकार के साथ पार्टी के कार्यक्रमों की वह प्रमुख चेहरा हैं। “आप” में उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो दिल्ली सरकार में पीडब्लूडी, शिक्षा, उच्च शिक्षा, योजना, बिजली और जल संसाधन जैसे 13 विभागों की मंत्री हैं। 2013 के चुनाम में आम आदमी पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से संदेश भेजकर कहा था कि 15 अगस्त को उनकी गैरमौजूदगी में आतिशी ही झंडा फहराएंगी। लेकिन उनकी सलाह को नकारते हुए उपाराज्यपाल वीके सक्सेना ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को झंडा फहराने के लिए अधिकृत किया। केजरीवाल की ओर से झंडा फहराने के लिए आतिशी को अधिकृत करना उनकी पार्टी में हैसियत की तरफ इशारा हैं।

गोपाल राय: मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में एक नाम आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय का भी है। वो दिल्ली सरकार में मंत्री भी हैं। उनके पास वन-पर्यावरण के साथ-साथ सामान्य प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। गोपाल राय अरविंद केजरीवाल से तभी से जुड़े हुए हैं, जबसे वे जंतर-मंतर पर अण्णा हजारे के साथ आमरण अनशन किया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश से आने वाले गोपाल राय दिल्ली में पूर्वांचल के नेताओं में प्रमुख चेहरा हैं।

कुलदीप कुमार: अरविंद के इस्तीफा देने की जानकारी सामने के बाद से ही एक चर्चा यह भी है कि आप किसी दलित को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा सकती है। कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार को सीएम की कुर्सी पर बैठा दे। उम्मीद है कि किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने से उसके वोट बैंक में इजाफा होगा। अगर ऐसा होता है तो पहली बार दिल्ली में सीएम की कुर्सी पर कोई दलित बैठेगा.इसका असर भी दूरगामी होगा। अभी हरियाणा विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं और नवंबर में महाराष्ट्र का चुनाव प्रस्तावित हैं। इन दोनों राज्यों में दलित वोटर अधिक संख्या में हैं। आप इस कदम से दलित वोटों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर सकती है।

सुनीता केजरीवाल: दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में जिस व्यक्ति का नाम सबसे आगे है, वह हैं अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल।वो भी अरविंद की ही तरह भारतीय राजस्व सेवा (आईआऱएस) की पूर्व अधिकारी हैं। उन्होंने 2016 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद लोकसभा चुनाव में उन्होंने दिल्ली में कई रोड शो और रैलियां कीं।
सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी। सुनीता केजरीवाल अभी विधायक नहीं हैं। लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनने की राह में यह बाधा नहीं आएगी। दरअसल सीएम बनने के बाद छह महीने में सदन की सदस्यता लेनी होती है। दिल्ली विधानसभा का चुनाव अगले साल फरवरी तक होना है, ऐसे में बिना विधायक बने भी सुनीता सीएम की कुर्सी पर चुनाव तक बैठ सकती हैं। हालांकि, परिवारवाद का आरोप झेलने वह परहेज करना चाहेंगे।