लखनऊ। उप्र के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मनकामेश्वर उपवन में टेलीमाकुस द्वारा अधिस्थापित इनर्ट सॉलिड रिमूवल (आईएसआर) मॉड्यूलर बायो-रेमेडीएशन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का स्थलीय निरीक्षण किया। कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा प्लांट के बारे में विस्तृत एवं सूक्ष्तम जानकारी मुख्य सचिव को उपलब्ध कराई गई।
मुख्य सचिव ने प्लांट से सीवेज के पानी को शोधन के उपरांत स्वच्छ जल के रूप में गोमती नदी में गिरते हुए देखा। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी टेक्नोलॉजी है। अन्य एसटीपी दूषित जल के शोधन और इस प्लांट से शोधन में आने वाली लागत का तुलनात्मक अध्ययन किया जायेगा। इसके उपरांत इस टेक्नोलॉजी को अन्य शहरों में अडॉप्ट किया जायेगा।
कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया उनका यह प्लांट नदी एवं तालाब में गिरने वाले नालों के मुहाने पर लगाकर प्रदूषण फैलाने वाले गंदे नाले के अपशिष्ट जल को कम से कम लागत एवं विद्युत खपत के शोधित कर नदी एवं तालाब में प्रवाहित करने का उपयोगी साधन है। इससे गंदे जल वाले नालों के मुहाने पर इस प्लांट को अधिष्ठापित कर नदियों को शीघ्र अति शीघ्र प्रदूषण मुक्त करने मदद मिलेगी।
यह मॉड्यूलर-आधारित आईएसआर उपचार संयंत्र नालियों पर स्थापित किया जा सकता है; यह स्थान और भूमि की आवश्यकता को कम करता है। इस मॉड्यूलर-आधारित आईएसआर एसटीपी को तेजी से (30-45 दिन) स्थापित किया जा सकता है और इसके लिए, पारंपरिक प्रौद्योगिकियों की तुलना में न्यूनतम स्थान (100-250 वर्ग मीटर) की आवश्यकता होती है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात, विशेष सचिव नगर विकास श्री अमित कुमार सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ श्री इंद्रजीत सिंह सहित नगर विकास के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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