Thursday, April 25, 2024
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रबी उत्पादकता गोष्ठी का मंडलायुक्त ने किया उद्घाटन

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। मंडल के किसानो की आय को सन 2022 तक दोगुना करना है। मंडल में गेहूं जौ, चना, मटर, मसूर, तिलहन, तोरई ध्राई, सरसों एवं अलसी के बीजों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। बीजो पर अनुदान उपलब्ध कराने के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीयन भी कराया जा रहा है तथा डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में अनुदान राशि भेजी जा रही है। रबी फसलों को कीट से बचाव के लिए सभी प्रकार के रसायनिकों की व्यवस्था की जा चुकी है। किसानों को फसल के लिये धनराशि कम न पड़े अतः उनको किसान क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हो चुके है, जिन किसानों को यह कार्ड नही मिल पाये हैं उनके लिये बैंकों को निर्देश दिये जा चुके हैं कि वह शिविर लगाकर किसानों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करायें।
उक्त निर्देश एवं अभिव्यक्ति मंडलायुक्त पी के महान्ति ने मंडलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए दिये। उन्होने कृषि विभाग के अतिरिक्त एग्रो फारेस्टी, पशुपालन, औधानीकरण, जैविकी खेती के विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि किासनों की आय को दोगुना कराने में आप सभी को योगदान देना है साथ ही किसानों को नवीनतम तकनीक से भी अवगत कराकर उन्हें प्रेरित करे कि वह वैज्ञानिक आधार पर खेती करें।
मण्डलायुक्त ने किसानों के लिये रबी की फसल में सिंचाई की समस्या न रहें इस हेतु नहर, राजकीय नलकूपों के अधिकारियांे को निर्देशित किया कि वह नहरें निरन्तर चलायें, रोस्टर को पूरी तरह से पालन कराया जायें। विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे ताकि किसानों को समस्या न आने पायें।
मण्डलायुक्त ने किसानों से कहा कि वह संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें, इसके लिये प्रत्येक किसान को मृउा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करा दिया गया हैध् जिनको नही मिला है उन्हें दिये जा रहे हैं। अतः अपने खेत की मिट्टी का निःशुल्क परीक्षण भी अवश्य करायें ताकि उन्हें ज्ञात हो सके कि कौन सी खाद कितनी मात्रा में देनी है। इस चालू वित्तीय वर्ष में 1-55 लाख नमूने लिये जाने का लक्ष्य है जिसमें 1 लाख से अधिक मृदा परीक्षण के नमूने लिये जा चुके हैं।
मण्डलायुक्त ने बताया कि फसल ऋण मोचन योजना में 2-35 कृषकों का 1303-23 करोड़ रू0 इसलिये माफ किया गया कि किसान आत्म निर्भर बने तथा अपनी आय को बढ़ा सके। किसानों की फसल को खराब मौसम, आन्धी, तूफान, ओला वृष्टि, सूखा एवं बाढ़ की दशा में होने वाली क्षति की भरवाई करने हेतु बीमा का भी लाभ किसानों को दिया गया है। इस कार्य हेतु न्यायपंचायत स्तरीय कर्मचारियों को दायित्व सौंपा गया है। कृषि में यंात्रीकरण के प्रयोग से भी उत्पादकता में वृद्धि करनी है, इसके लिये ट्रैक्टर, रोटावेटर, हैरो, सीड ड्रिल, थे्रशर, स्प्रिंगलर सेट, सिंचाई पाइप, स्प्रं मशीन, बखारी, सोलर पम्प आदि यंत्रों पर अनुदान भी दिया जा रहा है।
कृषि निदेशक सौराज सिंह ने कहा कि किसान रसायनिक खाद उतनी ही मात्रा में प्रयोग करे जितनी खेत की आवश्यकता है। कृषि रक्षा में प्रयुक्त रसायन सेवी मानव स्वास्थ्य प्रभावित होता है अतः आवश्यकता पड़ने पर ही प्रयोग करें। किसानों को दुधारू पशु भी पालना चाहिये इससे दो लाभ मिलेंगें पहला लाभ दूध मिलेगा दूसरा खाद के लिये गोबर मिलेगा। अब किसानों को हर वर्ष माँग के अनुरूप गेेहूँ का बीज उपलब्ध कराया जायेंगा इन्होने किसानों द्वारा उठाई गयी आपत्तियों का भी निस्तारण किया गया।
कानपुर नगर के जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि किसान तो पूरे देश का पेट पालता है इसके जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन भी आया है। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिये वैज्ञानिक खेती, पशुपालन एवं कुटीर उद्योगों पर भी ध्यान देना होगा। हम जिस क्षेत्र में रहते हैं वहाँ की जमीन काफी उपजाऊ है पर पैदावार कम है, इस समस्या से भी निजात पाना है धान पैदा करने वाले किसानों को चाहिये कि वह अपना धान धान क्रय केन्द्रों पर ही बेचे और पूरा मूल्य पाये यदि किसी किसान को परेशानी आये तो वह अपने जिलाधिकारी को सीधा बताये उनकी समस्या दूर हो जायेगी।

कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा0 महक सिंह विशेषज्ञ तिलहन, डा0 अखिलेश मिश्रा विशेषज्ञ दलहन, डा0 पी0 एन0 अवस्थी विशेषज्ञ गेहूँ, डा0 हरीशचन्द्र सिंह विशेषज्ञ मक्क, डा0 संजीव सावन विशेषज्ञ उद्यान, डा0 रामसिंह गुप्ता विशेषज्ञ पशुपालन एवं डा0 वेद रत्न विशेषज्ञ कृषि रक्षा ने भी किसानों को पैदावार कैसे लें इस पर बताया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ मे मण्डलायुक्त ने किसानों के लिये उपलब्ध विभिन्न विभागों के स्टालों का अवलोकन किया एवं कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित किया।
गोष्ठी यू0पी0एस0आई0डीसी0 के मीटिंग हाल में हुई जहाँ पर मण्डल के सभी जिलाधिकारी, सभी मुख्य विकास अधिकारी, संयुक्त विकास आयुुक्त, मण्डल के समस्त कृषि अधिकारी एवं कृषि विभाग से सम्बन्धित अन्य अधिकारी, मण्डल के प्रगतिशील किसान आदि उपस्थित थे।