Friday, April 19, 2024
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गौमूत्र के सेवन से दूर भागता है कैंसर व मानसिक तनाव-यायावर

फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। गोपाष्टमी महोत्सब के उपलक्ष्य में गौशाला परिसर में आयोजित संगोष्ठी में गौसेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओ ने कहा गौ सेवा देव सेवा हैं गौमूत्र के सेवन से मानसिक तथा कैसर जैसी आदि गम्भीर बीमारियाॅ दूर होती है। यमुना सोफीपुर पर गायो के लिए ’’गौसेवा धाम’’ का निर्माण कराया जायेगा
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डा. रामसनेही लाल शर्मा ’यायावर’ ने कहा कि भौतिक युग में हम गाय के महत्व को भूल रहे है। जबकि गाय भारतीय संस्कृति और किसान की रीढ मानी जाती थी। प्रत्येक किसान के दरवाजे पर गाय और बैल बंधे रहते थे जो किसान को आर्थिक रूप से मजबूत करते थे। उन्होने कहा कि मेरा अनुभव है कि गाय और बैल के महत्व को जब से किसान भूल गया तो उसे आत्म हत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अन्यथा गौवंश के सहारे वह स्वावलम्बी रह कर खेती करता था। डा. यायावर ने कई उदाहरण के साथ बताया कि गाय की सेवा से अनेक बीमारियाॅ समाप्त होती है। वही गोमूत्र से कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी समाप्त करने के भी प्रमाण हैं। गाय का पंचगवय से विदेशी डाक्टर ’काऊ थरैपी’ की चिकित्सा कर रहे है। गौमूत्र और गोबर से बंजर खेती भी उपजाऊ हो जाती है। गाय जहाॅ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही धर्म के दोनो पक्षे के रूप पूरा को करती हैं नई पीढी को गौसेवा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।
प्रो. ए.बी. चैने ने कहा कि गौसेवा को मनोवैज्ञानिक रूप से समझने की आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति गाय की सेवा के लिए अवश्य कुछ समय निकालना चाहिए क्योंकि गाय सेवा से मानसिक तनाव कम होताा है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप चन्द्र जैन एडवोकेट ने कहा हिन्दू संस्कृति गाय में दैवीय रूप माना गया है। गाय मानव मात्र के लिए कल्याण कारी है। गाय के दूध के साथ ही गौमूत्र और गोबर का भी महत्व है। सभी को गौशाला के कार्यो में सहयोग देकर गौ सेवा का पुण्य उठाना चाहिए।

समाजसेवी राजनरायन गुप्ता ने भी गौसेवा पर प्रकाश डालते हुए गौसेवा को देव सेवा मानकर सहयोग करने की अपील की हैं। नये प्रकल्प गौसेवा धाम का कार्य शुरू कराने का भी आश्वासन दिया। उपस्थित लोगो ने गौशाला में गौवंश के लिए अपर्याप्त जगह होने के कारण यमुना किनारे सोफीपुर गौशाला की भूमि पर गौसेवा धाम बनाये जाने की प्रस्ताव पारित किया। जिसकी व्यवस्था आदि राजनरायन गुप्ता मुन्ना को सुपुर्द की गयी। संगोष्ठी से पूर्व गौ पूजन हवन आदि कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर गौशाला समिति द्वारा गौशाला की सरहानीय सेवा के लिए रामबाबू बघेल को शाल उडाकर सम्मानित भी किया गया। तथा अन्य गोपालको को भी पुरूस्कृत किया गया। महिला श्रृद्वालुओं द्वारा गौ पूजन का सिलसिला देर सांय तक जारी रहा। रात्रि को गौ माता की सामूहिक आरती कर दीप मालिका सजाई गयी। गौमाता की सामूहिक गोपाष्टमी महोत्सब के कार्यक्रमो में मुख्य रूप से अध्यक्ष विष्णु बंसल, डा. प्रदीप कुमार सिंह, डा. महादीप सिंह, गिरिजाशंकर बंसल, राकेश शर्मा, उमाकान्त पचैरी, दिनेश लहरी, सुनील वशिष्ठ, अजय पालीवाल, अजीत अग्रवाल, योगेन्द्र मोहन शर्मा, भोलानाथ चतुर्वेदी, पुरूषोत्तम शर्मा, रामबाबू बघेल, कन्हैया तिवारी, सतेन्द्र जैन सोली, सुमन चन्द्र जैन एडवोकेट, अश्विनी गुप्ता, प्रेम शर्मा पं0 शिव नरायन शास्त्री, हरीशंकर तिवारी, राकेश तिवारी, विद्याराम राजौरिया, दिनेश शर्मा, आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।