Thursday, May 2, 2024
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तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत कान्फ्रेंस को सफल बनाने के लिए बुलाई गई बैठक

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के अंतिम नबी हैं, खत्मे नुबुव्वत (मुहम्मद स0अ0व0 को अंतिम नबी मानना) पर ईमान(विश्वास)दीन व शरीअत का अनिवार्य भाग है जिसके बिना दीन व ईमान अर्थात् मुसलमान होने की कल्पना करना असंभव है। पैगंबर स0अ0व0 की खत्मेनुबुव्वत की रक्षा के लिए पैगंबर हज़रत मुहम्मद स0अ0व0 वसहाबा किराम व बुजुर्गाने दीन से प्रेम शर्त है। इन विचारों को मज्लिस तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत कानपुर के अध्यक्ष और कार्यवाहक शहर काजी मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने 10 नवम्बर को जाजमऊ के आइ.ए. रिज़ार्ट ग्राउंडमें आयोजित होने वाली तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत कान्फ्रेंस को सफल बनाने के लिए बुलाई गई बैठक में संबोधित करते हुए व्यक्त किया। मौलाना ने कहा कि हमें अपने ईमान के साथ-साथ हमारे भाइयों के ईमान की भी चिंता करनी चाहिए। पैगम्बर हज़रत मुहम्मद स0अ0व0 ने पहले ही हजरत मेहदी अ0, ईसा मसीह अ0 के बारे में पूरा विस्तारपूर्वक बता दिया है ताकि आने वाले मुसलमान नुबुव्वत के झूठे दावेदारों से होशियार रहकर अपने ईमान की रक्षा कर सके। हमेशा याद रखें कि अब यदि कोई आप स0अ0व0 के बाद किसी दूसरे को नबी माने तो वह इस्लाम से बाहर है, उसका वास्तिविक रूप में इस्लाम से कोई लेना देना नहीं। खत्मे नुबव्वत(मुहम्मद स0अ0व0 को अंतिम नबी मानना) की रक्षा के लिए, हमें सभी मुसलमानों की जरूरत है ताकि ज्याद से ज्यादा लोगों को इस्लाम की सच्ची और वास्तविक षिक्षा से अवगत कराया जा सके।
मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी ने कहा, कि मुहम्मद स0अ0व0 के दीन की रक्षा के लिए हमारी जो भी कोशिशें काम आ जाएं वह हमारे लिए गर्व की बात होगी।
मौलाना खलील अहमद मज़ाहिरी ने कहा कि इस्लाम के सम्बन्ध सेकुछ गलतफहमियां लोगों के मन में पाई जाती है जिसका निवारण आवश्यक है। बैठक का शुभारम्भ क़ारी मुजीबुल्लाह इरफानी की तिलावत से हुआ और हाफिज अमीनुल हक अब्दुल्ला ने नात पाक पेश किया। बैठक में बड़ी संख्या में शहर के युवाओं व उलमा ए किराम ने शिरकत की। मीटिंग में यह भी निर्णय किया गया कि कान्फ्रेंस में भाग लेने वाले लोगों के लिए बसों का इंतजाम किया जाएगा। मौलाना उसामा क़ासमी ने मौजूद सभी लोगों से अपील की कि 10 नवंबर को होने वाली तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत कान्फ्रेंस ये महज कान्फ्रेंस नहीं बल्कि एक-मिशन है और पूरे दस दिन तक इस मिशन में लग जाएं, साथ ही हम लोग सभी भटके लोगों के लिए दुआ करें कि अल्लाह उन्हें सत्य के रास्ते पर मार्गदर्शन करे।