Friday, May 3, 2024
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विकास को गति न देकर अधिकारी कर रहे है गुमराह

⇒एक ओर तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए सामाजिक संगठन अभियान छेड़ रहे वहीं खण्ड विकास अधिकारी रसूलाबाद तालाब सूखने का इंतजार कर रहे है।
⇒पोर्टल पर दर्ज करवाई जा रही शिकायतों को हवा हवाई निस्तारित कर रहे हैं अधिकारीगण
कानपुर देहात, पंकज कुमार सिंह। विकासखण्ड रसूलाबाद के अधिकारी जनता को कर रहे हैं गुमराह। ग्राम पंचायत समायूं के मूल निवासी रवि कुमार राठौर ने बिगत 13 फरवरी 2016 को गाँव की मूलभूत सुविधाओं के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री को मेल द्वारा शिकायती पत्र भेजा था। शिकायती पत्र के जवाब में ग्राम पंचायत समायूं के तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) रसूलाबाद ने अपने पत्र में 3 तालाब मनरेगा में प्रस्तावित किया गया है कि बात कही थी लेकिन आज तक मनरेगा के तहत तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। अब सवाल यह उठता है कि अगर मनरेगा में प्रस्तावित किया गया तो कार्य क्यों नहीं दिख रहा? यह सरकारी कार्य के तरीके को उजागर करता है और खण्ड विकास अधिकारी रसूलाबाद ने अपने पत्र 28 जुलाई 2016 में तालाबों को सौंदर्यीकरण हेतु कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है कि बात कही लेकिन जब हमारे संवाददाता ने इस संदर्भ में ग्राम प्रधान समायूं जगदीश राजपूत से बात की तो उन्होंने साफ मना करते हुए बताया कि तालाब को सौंदर्यीकरण के लिए किसी कार्ययोजना में शामिल नहीं किया गया है। अब समझ सकते है किस तरह से अधिकारी जनता को गुमराह कर रहे रवि ने बताया शिकायत को 20 महीने गुजर गये कोई कार्यवाही नहीं होने पर जिलाधिकारी कानपुर देहात को पिछले माह तालाब एवं गाँव को आदर्श ग्राम बनाने के संदर्भ में दिए गये शिकायती पत्र के संदर्भ में 27 अक्टूबर 2017 को आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसको भी खण्ड विकास अधिकारी रसूलाबाद ने 03 नवम्बर 2017 को अपने पत्र में कहा तालाब सूखने के बाद सौंदर्यीकरण कराया जायेगा। अधिकारी आश्चर्य की बात कह रहे है तालाब को सूखने तक की बात कह रहे है जबकि बड़े-बड़े बांध, समुन्द्र तक में अथाह पानी के बीच निर्माण कार्य होता रहता है। अधिकारियों के अजीब तर्क है 20 महीने के बाद भी शिकायत को कागजों पर ही निस्तारण करने में लगे है। लेकिन पंचायती गतिविधि योजना का विवरण वित्तीय वर्ष 2017-2018 की कार्ययोजना चेक करने पर तालाब में पानी भराई के लिए रूपये 150000 की कार्ययोजना (धन का स्रोत-14वें राज्य वित्तीय आयोग) डाली गई है। एक तरफ खण्ड विकास अधिकारी रसूलाबाद अपने पत्र में कह रहे तालाब सूखने पर सौंदर्यीकरण कराया जायेगा दूसरी तरफ तालाब पानी भराई के लिए रूपये 150000 की कार्ययोजना में डाले गये है।
रवि ने बताया इस संदर्भ में ग्राम पंचायत अधिकारी समायूं विकास गौतम से बात की पिछले वर्ष सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) रसूलाबाद के द्वारा पत्र में बताया गया तालाब मनरेगा के तहत प्रस्तावित किया गया है तो उन्होंने कहा मनरेगा के तहत 2016-2017 की कार्ययोजना को देख ले तो मालूम हो जायेगा।
रवि ने कहा सरकारी तंत्र के कार्यशैली से बेहद निराशा है। उल्टे सीधे तर्क देकर जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को की जायेगी और वकील से सलाह लेकर जनहित याचिका भी दाखिल की जायेगी।
वहीं सोचनीय तथ्य यह है कि राज्य व केन्द्र दोनों ही सदनों में अब भाजपा की ही सरकार है लेकिन सरकारी मशीनरी अब भी अपनी पुरानी शैली में कार्य करती दिख रही है। इससे सवाल उठता है कि निचले स्तर पर अधिकारियों की गुमराह करने वाली रिपोर्टो का सिलसिला क्या नहीं बन्द होगा ?