Monday, April 29, 2024
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शिक्षक तो कहीं संसाधन का अभाव, कैसे होगी प्रेक्टिकल परीक्षा

रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की ओर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के लिए प्रयोगात्मक विषयों की तिथियां पहले से निर्धारित कर दी गई है। अब इसके महज चंद दिन ही शेष हैं। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं के भविष्य को कॉलेज प्रशासक तनिक भी चितित नहीं है। हालत यह है कि राजकीय विद्यालयों में संसाधनों का अभाव है, तो निजी कॉलेजों में योग्य शिक्षक नहीं है। ऐसे में 15 दिसंबर से शुरू होने वाली प्रयोगात्मक परीक्षा में छात्र-छात्राओं की मुश्किलें बढ़नी तय है। यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी अमली जामा पहनाने में लगे हैं। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए जारी की गई अनंतिम सूची में परीक्षा केंद्रों की संख्या भी कम कर दी गई है। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर कॉलेज प्रशासन बेपरवाह बने हैं। राजकीय कॉलेजों में आज भी प्रयोगशाला में पुराने उपकरण है। यही नहीं विषय अध्यापकों के सेवानिवृत्त होने जाने के कारण पद रिक्त पड़े है। ऐसे में इन कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने शायद ही कभी कोई प्रेक्टिकल किया हैँ। कुछ ऐसा ही निजी स्कूलों का है। वित्त विहीन कॉलेजों में शिक्षकों को लेकर दावा तो पूरा किया जाता है, लेकिन हकीकत में कुछ और ही है। हालत यह है कि कई कॉलेज ऐसे है, जहां पर प्रयोगशाला कक्ष तो है, लेकिन अधिकांश समय बंद ही रहता है। 15 से शुरू होने वाले प्रयोगात्मक परीक्षा में सफल होना छात्र-छात्राओं के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी।