Friday, April 26, 2024
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पुस्तक पिन ड्राॅप साइलेंस लगातार बदल रहे समाज का मन्थन

⇒पुस्तक आकर्षक होने के साथ ही पुस्तक निश्चित ही समाज के लिए लाभप्रद
कानपुर देहात: जन सामना ब्यूरो। पिन ड्राॅप साइलेंस भारत के महानगरों आदि शहरों के भॅंवर में धंसी एक महिला के अस्तित्व की तलाश हैं अपनी ही रूह की यह तलाश को महानगर से खींच कर पहाड़ों की वादियों से लाकर मैदान में लाना है। उच्च शहरों से छोटे शहरों या देहात क्षेत्रों में आने पर शुरू होता है टकराव अस्मिता और परम्पराओं में जकडे प्रवृत्ति तथा उच्च शहरों के समाज की मानसिकता का लेखिका द्वारा क्या खोज रही है किसे मालूम है यह सारे सवाल पिन ड्राॅप साइलेंस में 9 कहानियों के मामध्यम से बाखूबी से उबेरा गया है। कहानियां स्त्री और पुरूष के स्वच्छन्द, प्रेम, परंपराओं और सामाजिक ढोंग में कैद भारतीय समाज के सतत द्वन्द की अभिव्यक्तियां भी आकर्षण तरीके से प्रस्तुत किया है। पिन ड्राॅप साइलेंस लगातार बदल रहे समाज का मन्थन है। संवेदनशील कहानीकार कवियत्री व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ की सहायक निदेशक एम. जोशी हिमानी ने अपनी पुस्तक पिन ड्राप साइलेंस में बताया है कि किस प्रकार उनकी माता ने शिक्षा व अधिकारो के प्रति आमजन को जागरूकता व एकजुटता का संदेश दिया परिणाम स्वरूप जीवन संघर्षो की पाठशाला, सरलता तथा सात्विकता से परिपूर्ण आचरण ने सांसारिक वस्तुओं के कमी के बावजूद जीवन की नींव को मजबूती दी। एम.जोशी हिमानी ने बताया कि जिनके जीवन संघर्षो अनुभव हो जुझारू व्यक्तित्व ने जीवन में कभी कमजोर नही होने देते, बचपन में सुनाई गयीं सच्ची कहानियां तथा जिन्दगी की जद्दोजहद से संघर्ष करते हुए चरित्र जो बाद में कहानियों में पात्र के रूप के रूप में सामने आये है। पिन ड्राॅप साइलेंस की लेखिका एम. जोशी हिमानी ने अपनी पुस्तक सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा को भेंट करते हुए बताया कि यह पिन ड्राॅप साइलेंस पुस्तक आम आदमी के लिए प्रेरणाश्रोत है। विमोचन हुई पुस्तक की प्रशंसा करते हुए सहायक निदेशक प्रमोद कुमार ने कहा कि लिखी गई पुस्तक प्रेरणादायक है। पुस्तक में एम. जोशी हिमानी ने कहानी सम्राट मंुशी प्रेमचन्द्र जी के परिजन पूर्व उप निदेशक विजय राय को अपना प्रेरणाश्रोत, साहित्यिक गुरू मानते हुए तथा अपनी ब्रहमलीना मां कुन्ती देवी पाण्डेय, पिता लक्ष्मी दत्त पाण्डेय, पति राजेन्द्र कुमार जोशी व हिन्दी प्रेमी दामाद सुनील व पुत्री निष्ठा एवं सुप्रिया आदि को अपने ह्रदय में रखते हुए पुस्तक का लेखन किया है। सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने कहा कि माता पिता बुजुर्गांे के प्रति सेवा आदर व सम्मान करने से आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच उत्पन्न होती है जो हमारा समुचित विकास करती है। लेखिका द्वारा लिखी गयी पुस्तक पिन ड्राॅप साइलेंस जो कि कहानियों का संग्रह है पुस्तक आकर्षक होने के साथ ही पुस्तक निश्चित ही समाज के लिए लाभप्रद होगी।
सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने कहा कि माता पिता बुजुर्गांे के प्रति सेवा, आदरभाव व सम्मान करने से आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच उत्पन्न होती है जो हमारा समुचित विकास करती है पुस्तक आकर्षक होने के साथ ही पुस्तक निश्चित ही समाज के लिए लाभप्रद होगी। जीवन पर आधारित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा कि पुस्तकें किसी भी व्यक्ति की अच्छी मित्र होने के साथ ही इन्सान के दिल को सकून भी देती हैं। नारी अधिकारांे के प्रति सजगता ही नारी का परम कर्तव्य है जिससे वह अपने परिवार व समाज को एक नई दिशा दे सकती है जो इस पुस्तक में देखने को मिल रहा है। 104 पृष्ठों की पुस्तक आकर्षक और सुन्दर है। हिमानी की कहानियांे में अतीत से बिछडने का दर्द यानी नाॅस्टेलजिया भी है, कहानियों में यह दर्द एक सशक्त यानी उपकथ्य के रूप में उभरता है, पिन ड्राॅप साइलेंस लगातार बदल रहे सामाज का मंथन है। लेखिका की कहानी हम सभी की कहानियां है। कहानियांे में आधुनिकता की कीमत चुका कर आ रही समाजिक गिरावट भी एक जीवान्त किरदार के रूप में उभरती है। इस मौके पर एडीआईओ सीमा गुप्ता भी उपस्थित थी।