Friday, March 29, 2024
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साईकिल चोरी की शिकायत दर्ज न होने से आहत मुखबिर ने किया सुसाईट का प्रयास

पुलिस के लिए क्षेत्रीय लोगों से बुराई लेने वाला युवक प्रभात

⇒अपने सूचना तंत्र की सगीं नहीं दिखी पुलिस!
⇒बर्रा पुलिस अपने मुखबिर की नहीं दर्ज कर रही शिकायत !
⇒पुलिस के लिये खुद की जान जोखिम में डालने वाले की नहीं सुनी शिकायत
⇒शिकायत दर्ज कराने आये अपने मुखबिर को ही बर्रा पुलिस ने दुत्कार कर भगाया
अर्पण कश्यपः कानपुर। पुलिस के बारे में कहा जाता है कि पुलिस से न दोस्ती अच्छी, न बैर अच्छा। क्योंकि पुलिसवाले किसी के सगे नहीं माने जाते। जी हां, इसका जीता जागता सबूत बर्रा थाने में देखने को मिला जहॉ एक युवक ने पुलिस के लिये इतना काम किया कि उसे अपना घरबार छोड़ना पड़ा है और किराये पर रहना पड़ रहा है। बताते चलेंकि बर्रा थाना क्षेत्र में एक अस्पताल हुये बवाल में पब्लिक ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की थी। मामला दर्ज किया गया था और आरोपियों की पहचान कराने के लिये प्रभात नाम का एक युवक आगे आया और पहचान करा कर अनगिनत हमलावरों की गिरफ्तारी भी करायी जिसके चलते पूरे क्षेत्र में स्थानीय लोगों से प्रभात नामक युवक ने दुश्मनी मोल ले ली व अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गया। जानकारी के मुताबिक, युवक बर्रा के वरूण बिहार इलाके में अपनी मॉ लक्ष्मी श्रीवास्तव के साथ रह रहा है व सेल्समैन का काम कर पेट पाल रहा है शनिवार की रात बर्रा दो में स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने दुकान में समान दे रहा था। पैसे के लेन देन में पीछे से कब सामान सहित साईकिल चोरी हो गयी पता ही नहीं चल पाया।

अपने लिए फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या करने का नजारा

प्रभात की जमापूंजी व घर चलाने का एक मात्र साधन चोरी चले जाने से प्रभात सदमे में आ गया। इसके बाद वह रोते हुये बर्रा थाने गया इस उम्मीद से कि थाने मे सब उसकी मदद करेंगे। पर वहॉ तो उल्टा ही हुआ। थाने से उसे पागल करार दे दिया गया। इतना ही नहीं उसे दुत्कार के भगा दिया गया। जिससे आहत हो कर प्रभात अपने घर आकर कुंडे में अगौंछा बॉध कर फॉसी लगाने का प्रयास करने लगा। संयोग से मकान के अन्य किरायेदार सोनू व अवनीश ने उसे देख लिया और बिना देर किए उसे नीचे उतारा और समझा बुझा कर शान्त करवाया। प्रभात की जान तो बच गई। पर सोंचने वाली बात ये है कि जब पुलिस अपने करीबियों के साथ ऐसा बर्ताव करती है तो अपरिचित लोगों के साथ क्या करती होगी।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्षेत्र में पुलिस के मुखबिर के रूप में पहचान बना चुके प्रभात की मदद पुलिस ने नहीं की तो अन्य लोग क्या आशा रखें बर्रा पुलिस से…?