Monday, April 29, 2024
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डीएम साहब दक्षिण से सौतेला व्यवहार हो रहा है!

लाखों रूपये सरकार से कंबल व अलाव के लिये हुए पास
एक भी चौराहे पर नहीं जल रहा सरकारी अलाव
खुले में पड़े दिखे गरीब, मॉंग कर खाने वाले
मासूम बच्चे भयंकर कोहरे में फटे कम्बलों से लिपटे दिख रहे
सरकारी अधिकारी सोते हैं हीटर में, गरीबों को सरकारी कम्बल भी नहीं।
कानपुरः अर्पण कश्यप। उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री के प्रवक्ता के मुताबिक हर जिले में गरीबों को जाड़े से बचाने के लिए कम्बल बांटने व मुख्य स्थानों पर अलाव जलाने के लिए लाखों रूपये सरकारी कोष से हर जिले के लिए भेजे जा चुके हैं। वहीं इस समय ठंड भी अपनी चरम पर है, यू कहे कि आधा शीत काल बीतने को है लेकिन गरीबों के लिए सहायता राशि का असर दक्षिणी क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रहा है।
नजारों की मानें तो डी एम सुरेन्द्र सिंह जी का दक्षिण क्षेत्र से सौतेला व्यवहार शर्मशार कर रहा है क्योकि मुख्य शहर में तो उनका ध्यान रहता है पर दक्षिण क्षेत्र की बात करें तो न थाने स्तर की न ही डी एम राहत कोष से गरीबों की कोई मदद हो रही है। जाड़े की गलन के बीच जन सामना की टीम ने रात आज रात्रि 11 बजे के बाद दक्षिण के हर चैराहे पर जा कर देखा तो पाया कि खुले आसमान के नीचे सोने वालों के हालात बदसे बदतर हैं। नजारे देखकर दिल पत्थर सा हो गया। क्योंकि फटे कम्बल ओढे हुये इन्सान खुद को गर्म करने के लिये कुत्तों को अपने से चिपका कर सो रहे थे। यह भी कह सकते है कि कड़कड़ाती सर्दी में दोनों एक दूसरे के पूरक बने हुये है। एक चौराहे पर देखने पर पाया गया कि तीन दुधमुहे बच्चे एक कम्बल में आपस में चिपके-चिपके हुये सो रहे थे। इस नजारे से जहां मानवता एक तरफ शर्म शार हो रही थी तो दूसरी ओर लोग प्रशासन की कार्यशैली को नकारा व नजरअन्दाज करने वाला बता रहे है। भला हो समाजसेवी संस्थाओं का जिन्होंने कुछ संस्थान कुछ गरीबों को कंबल बॉटे। लेकिन गरीब लोगों में अभी भी आशा की किरण दिख रही है कि सरकारी सहायता जरूर उन लोगों तक पहुंचेगी।