Friday, April 19, 2024
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मस्जिदों के धर्मगुरूओं को मौलानाओं का संदेश

कहा-किसी सरकार का नहीं अदालत का है फैसला
दी डीएम के नाम आये फार्म के बारे में पूरी जानकारी
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। जमियत उलमा जिला फिरोजाबाद के तत्वावधान में आयोजित वार्ता के दौरान तमाम मस्जिदों के धर्मगुरूओं को लेकर मस्जिद मेवा फरोशान में मौलाना शफी साहब की अध्यक्षता में हुई मौलाना शफी साहब ने कहा यह किसी सरकार का नहीं बल्कि अदालत का फैसला है। इसलिए मुसलमानों को हमेशा की तरह अदालत के फैसले का आदर व सम्मान करते हुये उस पर अपना काम करना चाहिये।
मौलाना इश्तियाक ने कहा कि यह फैसला किसी धर्म विशेष के लिये नहीं बल्कि सभी धर्मो के मानने वालों के लिये है। जिला महासचिव मुफ्ती कासिम रजी ने कहा हमारा यहां कान्फ्रेंस करने का उद्देश्य है अदालत के ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिये जो फैसला आया है उसको लेकर मुस्लिम समाज में काफी बेचैनी महसूस की जा रही है और वो इस फैसले को सही तरीके से समझ नहीं पा रहे हैं। हमने मीडिया के माध्यम से उनको समझाने की कोशिश की है और तमाम धर्मगुरूओं को बुलाकर जो फार्म जिलाधिकारी के नाम आया है उसको समझाने के लिये किस तरह से उसको भरा जायेगा और जमा किया जायेगा, कैसे मस्जिद में अजान की परमीशन लेनी है यह सब बताया। मुफ्ती तनवीर ने कहा कि पुलिस जो मस्जिदों में पूछताछ के लिये जा रही है हमारी अधिकारियों से विनती है कि वह उनसे कहें कि वह लोगों को जाकर भयभीत न करें। शांतिपूर्वक समझायें। मौलाना आदम मुस्तफा ने कहा कि हम शासन से आग्रह करते हैं कि समय में बढ़ोत्तरी कर दी जाये ताकि कार्य करने में कोई बाधा न आए। वार्ता में हाफिज शाहिद, हाफिज शकील, डा. सगीर, हाफिज माहिल, मौलाना अब्दुर्रहमान, मौलाना अमीन अख्तर, मुफ्ती हुजैफा, मुफ्ती ताहिर, कारी साबिर, हाफिज उस्मान, मौलाना मुजीब, मौलाना रिजवान, मौलाना अब्दुल हलीम, कारी चांद आदि मौजूद रहे।