Friday, May 3, 2024
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वंसत पंचमी महोत्सव के अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह

इटावा, राहुल तिवारी। साँई सिटी उदयपुरा स्थित माउण्ट लिट्रा जी स्कूल में माँ सावित्री देवी स्मृति वंसत पंचमी महोत्सव के अवसर पर हुये सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जो लोग अपने माता-पिता और बड़े बुजुर्गो का सम्मान करतें है, उन्हें ईश्वर की अनुकम्पा का सदैव आशीर्वाद मिलता है और सफलताएं उनके चरण चूमती हैं।
इस अवसर पर उन्होनें स्कूल के रंगारंग लाइटों से सजे भव्य मंच पर साहित्य, राजनीति, समाजसेवा, खेल, संस्कृति, व्यवसाय और सैन्य वीरता से जुड़ी कई नामचीन हस्तियों का शाॅल ओढ़ा एवं पुरूस्कार देकर सम्मान किया। जिनमें हिन्दी कविता के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि डा0 कुमार विश्वास को वर्ष 2017 का साहित्य भूषण सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय गीतकार डा0 कुँअर बेचैन को उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संतोष कुँवर समेत परिवार सम्मान के अलावा सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव, अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियन नरसिंह यादव व उनकी अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती विजेता पत्नी शिल्पी शेउरान को अतिविशिष्ट अलंकरण तथा इंग्लैण्ड में रेडियो के माध्यम से हिन्दी की पताका फहराने वाली अम्बर अनामिका, राजथान के समाजसेवी शैलेन्द्र यादव, गुजरात के सफल व्यवसायी हरीप्रसाद, यूपी के साहित्य मनीषी राजमूर्ति सिंह को विशिष्ट सेवा सम्मान से अलंकृत व सम्मानित किया गया।


शिवपाल सिंह ने उक्त हस्तियों को सम्मानित करने के बाद कहा कि स्कूल के चेयरमैन अतिवीर सिंह यादव ने अपने माता-पिता की स्मृति में ऐसे आयोजन की परम्परा शुरू करके समाज में नई पीढ़ी को अनुकरणीय संदेश दिया है कि घर-परिवार और समाज के बड़े लोगों का सम्मान करना हम सभी का दायित्व है। जो लोग अपने बड़ो का आदर नहीं करते, उन्हें हमेशा नीचा देखना पड़ता है और पतन के गर्त में चले जाते है। उन्होनें कहा कि कुछ लोग विरासत और भाग्य से बहुत कुछ पा जाते हैं, लेकिन जब कभी संघर्ष के चलते उतार चढ़ाव आता है, तो परिस्थिति का डटकर सामना नहीं कर पाते और विखर जाते हैं, और जो संघर्ष की ज्वाला में तपते हैं, एक दिन फिर अपनी मंजिल हासिल करते हैं।
इस अवसर पर आयोजित विशाल भण्डारा स्थल पर शिवपाल सिंह यादव के जन्मदिन के उपलक्ष्य में विशाल केक काटकर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी गईं। दिल्ली के पूर्व संासद जेपी अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। दोनों अतिथियों ने इस भव्य आयोजन के लिए मुख्य आयोजक अतिवीर सिंह यादव का भी शाॅल ओढ़ाकर अभिनंन्दन किया। समारोह में पूर्व मंत्री रामसेवक यादव ने भी विचार रखे।
मंच का संचालन कुमार मनोज तथा स्वागत स्कूल के वाइस चेयरमैन विकास यादव ने किया। अवधेश सिंह यादव, रेखा यादव, मीना यादव, डा0 लक्ष्मीपति वर्मा, प्रधानाचार्य पंकज शर्मा, कश्मीर सिंह, डा0 उमेश सिंह यादव, डा0 शिवराज सिंह यादव, राजेन्द्र भसीन सर्वेश सिंह, प्रदीप यादव, दिलीप यादव, मनोज श्रीवास्तव, के0के0 यादव, पूर्व संासद रघुराज सिंह शाक्य, प्रशान्त राव चैबे, डा0 रामयश सिंह यादव, कुमुदेश चन्द्र यादव विशेष रूप से उपस्थित रहे।
माउण्ट लिट्रा जी स्कूल में माँ सावित्री देवी स्मृति वंसत पंचमी महोत्सव के अवसर पर हुये अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि डा0 कुमार विश्वास और देश के नामवर कवियों ने अपनी चुटीली और प्रभावी कविताओं से ऐसा समा बांधा कि खचाखच श्रोताओं से भरे पण्डाल में ठिठुरती रात में भी श्रोताओं ने उठने का नाम नहीं लिया।
वैसे तो ये काव्य संध्या पूरी तरह कुमार विश्वास के नाम ही रही जिन्होनें डेढ़ घंटे से भी ज्यादा समय तक लगातार अपने चिर परिचित अंदाज में अपनी चुटीली और गुदगुदाती हुई कविताओं से श्रोताओं का झूमने पर मजबूर कर दिया। पूर्व मंत्री और समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी पूरे समय बैठकर कवि सम्मेलन का आनन्द लिया।
कुमार विश्वास ने शिवपाल सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम और शिवपाल सिंह अपनी -अपनी पार्टियों के आडवानी हो गए हैं, जो केवल मुख्यमंत्री बनाते है- और उन्होनें रचना पढ़ी-
‘‘पुरानी दोस्ती को इस नई ताकत से मत तोलो
ये संबधों की तुरपाई है षड़यत्रों से मत खोलो,
मेरे लहजे की छैनी से गढ़े कुछ देवता जो कल,
मेरे लफ्जों पे मरते थे वो अब कहतें हैं मत बोलो।।’’
उन्होनें आगे सुनाया-
‘‘सियासत मैं तेरा खोया पाया हो नहीं सकता
तेरी शर्तों पे गायब या नुमाया हो नहीं सकता
भले साजिश से गहरे दफ्न कर दो मुझको
सृजन का बीज हूँ मिट्टी मैं जाया हो नहीं सकता’’
उनकी ये चार लाइनें भी खूब सराही गई-
‘‘मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूँ,
उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूँ,
हवा का काम है चलना, दिये का काम है जलना,
वो अपना काम करती है मैं अपना काम करता हँू।’’
काव्य मंच के वरिष्ठतम कवि और कुमार विश्वास के गुरू डा0 कुँवर बेचैन ने रचना सुनाई-
उसने मेरे छोटेपन की इस तरह इज्जत रखी,
मैंने दीवारें उठाई उसने उन पर छत रखी।
क्यूँ हथेली की लकीरों से आगे हैं उँगलियाँ,
रब ने भी किस्मत से आगे आपकी मेहनत रखी।।’’
और- ‘‘किसी भी काम को करने की यादें पहले आती हैं,
अगर बच्चे को गोदी लो तो बंाहे आगे आती हैं’’
लखनऊ से आये डा0 निर्मल दर्शन की गजल ने भी समा बाँध दिया-
‘‘पहले दिल को जलाया गया
और फिर मुस्कुराया गया
मुझको पहले सजा दी गई
फिर अदालत में लाया गया
हास्य कवि सम्पत सरल की कविताओं और व्यंग्य भरी बातों ने भी श्रोताओं को गुदगुदाया- भारत-पाकिस्तान के बीच ‘बातचीत’ को लेकर सुनाई गई रचना को खूब सराहा गया।
दिल्ली से आये दूसरे हास्य-व्यंग्यकार चिराग जैन ने ‘‘आप’’ पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर व्यंग्य करती रचना पढ़ी।
‘‘केजरीवाल गुलाल
5 हजार का दस ग्राम
किसी ने पूछा इसमें इतना खास क्या
कहा – एक बार लगा लो
हर दस मिनट में रंग बदलता है’’
आगरा से आईं स्वर कोकिला कवियत्री डा0 रूचि चतुर्वेदी ने अपवने मधुर गीतों से पूरे पंण्डाल को गुंजायमान कर दिया-
‘‘मैं बिन्दु से रेखा बनाने चली हूँ,
मैं सागर से नदिया मिलाने चली हूँ,
निकट आओ तट पे छुपे क्यों खड़े हो,
मैं गीतों की गंगा बहाने चली हूँ’’।।
राजमूर्त सिंह सौरभ की रचना भी खूब सराही गई।
‘‘धुँआ वैसे तो काला दे रहा है,
दिया लेकिन उजाला दे रहा है
तेरे किरदार की सच्ची गवाही,
तेरे हाथों का छाला दे रहा है’’।।
कवि सम्मेलन का सफल संचालन करते हुए जनपद की माटी के प्रख्यात कवि कुमार मनोज इन चार लाइनों पर भी श्रोताओं ने खूब ताली बजाई।
‘‘समन्दर पार भी पुरखों की थाती साथ रहती है,
ज्यों जलते हुए दीपक में बाती साथ रहती है,
मुहब्बत जब भी करना पौधों की तरह करना,
जो गमलों में भी हों तो माटी साथ रहती है।’’
अंत में आयोजक अतिवीर सिंह यादव एवं विकास यादव ने सभी का आभार जताया।