Saturday, May 18, 2024
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बेटियां मां-बाप का दुख-दर्द बांटती हैं

फिर भी बेटियों से गुरेज क्यों
हाथरसः जन सामना संवाददाता। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बिटिया बचाओ अभियान के तहत आगरा रोड स्थित सिन्ट कम्प्यूटर सेन्टर पर कवि बासुदेव उपाध्याय की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित हुई।
बिटिया बचाओ अभियान के सूत्रधार व पर्यावरणविद भवतोष मिश्र ने राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये जनपद में बालिकाओं की दशा व बालिकाओं के सशक्तीकरण के लिये किये जा रहे सरकारी व गैर-सरकारी प्रयासों के बारे में भी विस्तृत जिक्र किया। उन्होंने बेटियों के कल्याण व सुरक्षा के लिये बने विभिन्न कानूनों के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जब तक जनजागरण के माध्यम से बेटियों को बोझ, दोयम दर्जे व महज उपभोग की वस्तु समझने वाले लोगों की कलुषित मानसिकता में बदलाव नहीं होगा तब तक बेटियों के जीवन के जीवन, सम्मान व अधिकारों की पूर्णरूपेण रक्षा होना संभव नहीं है।
भारतीय किसान संघ ब्रज प्रांत के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि बेटियां मां-बाप का दुख-दर्द बंटाती हैं फिर बेटियों से गुरेज क्यों। उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड खत्म कर व सभी संकीर्णताओं से परे हटकर सभी बुद्धिजीवयिों को एकजुट होकर नारी अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलन्द करनी होगी।
रेनू कश्यप ने कहा कि बेटियां जिस दिन खुद को कमजोर समझना व गलत चीजों को बर्दाश्त करना छोड़ देंगी उसी दिन महिला अपराधों पर लगाम लग जायेगी। इसीलिये बेटियों में यह आत्मविश्वास बिटिया बचाओ अभियान के माध्यम से पैदा किया जा रहा है कि वह यह साबित कर दिखायें कि वह किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं।
चेतन चैहान ने कहा कि समाज को खुद सभ्य कहलाने का हक तभी है जब सामाजिक माहौल ऐसा हो जहां हर बेटी अपने जीवन, सम्मान व अधिकार को सुरक्षित महसूस करे। उन्होंने कहा कि बिटिया बचाओ अभियान निसंदेह सराहनीय है। छात्रा सुमन, शोभा कश्यप व मधु चैधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। बासुदेव उपाध्याय की बेटियों पर केन्द्रित रचना बेहद सराही गई।
इस अवसर पर पवन दिवाकर, मुस्कान, तन्नू, मन्नू, पूजा शर्मा, मीनू, ज्योति ठाकुर, मीनू ठाकुर, सोनी, संजय कुमार, दीपक, नईम, इमरान, राजकुमार, अभिषेक कुमार आदि मौजूद थे।