Wednesday, May 1, 2024
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गोद लिये गांव का अधिकारी निरीक्षण कर भ्रमण आख्या समय से करायें उपलब्ध: डीएम

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। कलेक्टेªट सभाकक्ष में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अधिकारियों की बैठक करते हुए स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आंगनबाड़ी, पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास, खाद्य विभाग, जिला कार्यक्रम विभाग आदि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि कुपोषण के परिदृश्य के दृष्टिगत विभिन्न विभागीय अधिकारियों जिन्होंने गांव गोद लिये है वे वहां पर निरंतर जाकर कार्यक्रमों में कन्वर्जेन्स स्थापित करते हुए प्रदेश में कुपोषण की रोकथाम हेतु शबरी संकल्प अभियान कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से कार्य करें। इस अभियान के तहत सरकार द्वारा जहां एक ओर लाभार्थियों को सेवाओं की उपब्धता सुनिश्चित करायी गयी है वहीं विभाग के आधारभूत ढांचे एवं अनुश्रवण व्यवस्था को भी सृदृढ़ीकृत भी किया गया है। यह अभियान विभिन्न स्तरों पर कन्वर्जेन्स माडल के माध्यम पर कार्य कर रहा है। सरकार की ओर से कुपोषण को भगाने को लेकर शबरी संकल्प योजना लागू की गयी है इस योजना में 0 से 3 वर्ष तक के बच्चों की वजन दिवसों में पाये गये कुपोषित अति कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी लाने को लेकर यह योजना शुरू की गयी है इसमें शासन ने दिसम्बर 2018 तक कुछ बच्चों में अनिवार्य रूप से ऐसे कुपोषण वाले जनपद में 2 प्रतिशत ही बच्चे दिखे शेष बच्चे 98 प्रतिशत बच्चों का सुपोषण हो सके शासन का निर्देश है। उन्होंने कहा कि अधिकारी कार्यो में रूचि लेकर जनपद के बच्चों को सुपोषित बनाने में आगे आये। जनपदीय अधिकारियों द्वारा गांव गोद लिये गये है उस गांव को शीघ्र ही कुपोषण मुक्त बनाना है।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि कुपोषित बच्चों की आनलाइन टैकिंग ई-शबरी पर जैसे पीले व लाल श्रेणी के 0-3 वर्ष के बच्चों की मासिक टैªकिंग तथा सूचना की वेबसाइट पर फीडिंग, आंगनबाड़ी केन्द्रों का सुदृढीकरण में सभी केन्द्रों पर शौचालय, बिजली व पीने के पानी की व्यवस्था, समुदायिक पोषण सम्बन्धी जागरूकता दिवस-बचपन, लाडली एवं ममता दिवस में पोषाहार वितरण के साथ साथ प्रत्येक केन्द्र पर पोषाहार से बनने वाले व्यंजनों का माह में कम से कम एक बार प्रदर्शन, सघन मोबिलाइजेशन करते हुए आशा के साथ मिलकर कम से कम एक सामुदायिक बैठक ग्राम स्तर पर बचपन, लाडली आदि महत्वपूर्ण अवसरों पर किया जाना है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वास्थ्य पोषण के तहत स्वास्थ्य व पोषण सेवायें जिनमें से गर्भावस्था के दौरान मिलने वाली सेवाओं पर विशेष फोकस, पुनः वजन व अति कुपोषित बच्चों की स्क्रीनिग पर विशेष ध्यान, ग्राम प्रधान की प्रतिभागिता, मेगा काल सेन्टर के माध्यम से सेवाओं में सुधार, कुपोषण मुक्त गांव जिसमें से प्रत्येक नोडल अधिकारी द्वारा कम से कम दो राजस्व गांवों को छः माह के अन्दर कुपोषण मुक्त करायेगा। प्रत्येक माह गोद लिये गांव की अनिवार्यतः भ्रमण कर प्रगति की मासिक रिपोर्ट अपलोड करना तथा मासिक जिला पोषण समिति की बैठक में मासिक बैठक, शबरी अभियान की प्रगति पर चर्चा, कार्यवृत्त को हर माह अपलोड करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग में गर्भवती महिलाओं को एमसीटीएस रजिस्ट्रेशन और मासिक प्रसवपूर्व जांच (वजन, हीमोग्लोबिन, पेट की जांच, पेशाब की जांच), एक घण्टे के अन्दर नवजात शिशुओं को स्तनपान शुरू कराना सुनिश्चित होना, आईसीडीएस के तहत आंगनबाडी केन्द्र पर निर्धारित मात्रा में मासिक अनुपूरक पोषाहार पाने वाली गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, आंगनबाडी केन्द्र पर 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में मासिक अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध कराना, पंचायती राज विभाग के माध्यम से खुले में शौच मुक्त गांव बनाना, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सुरक्षित जल (बोरिंग) की उपलब्धता सुनिष्चित कराना, ग्राम सभा द्वारा उक्त कार्यवाही की मासिक समीक्षा करें तथा ग्राम्य विकास विभाग में मनरेगा योजना के अन्तर्गत कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के परिवार के सदस्यों जाॅब कार्ड उपलब्ध कराना, खाद्य विभाग के माध्यम से पीडीएस योजना के अन्तर्गत कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराना, उक्त परिवारों को पीडीएस योजना के अन्तर्गत अनुमन्य मात्रा के अनुसार खाद्यान्न प्राप्त होना सुनिश्चित की रिपोर्ट की जानकारी लेकर जानकारी दे, भ्रमण आख्या समय से उपलब्ध न कराने पर दण्डात्मक कार्यवाही भी की जायेगी। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जो लापरवाही बरतेगा उसको खमियाजा भुगतना पडेगा। उन्होंने कहा कि सीडीपीओ आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें तथा कुपोषित बच्चों से मिलकर बच्चों की सेहत सुधारें। अधिकारी को लाल और पीपी श्रेणी के बच्चों को सामान श्रेणी में लाना है। लाल श्रेणी के बच्चों को एक माह तक उचित देख भाल समूचित स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर उसे कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाये। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह, एडीएम प्रशासन शिव शंकर गुप्ता, एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह, एसीएमओ डा. बीपी सिंह, एडी सूचना प्रमोद कुमार, सीएमओ डा. बीपी सिंह, उप कृषि निदेशक आरके तिवारी, डीडीओ अभिराम त्रिवेदी, पीडी शिव शंकर पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश कुमार यादव, एएमए मणीन्द्र सिंह, जिला पंचायती राज अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव, बीएसए, डीआईओएस, जिला समाज कल्याण अधिकारी, आईटीआई प्राचार्य, डीपीसी विमल कुमार ने भी कुपोषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर स्वास्थ विभाग, शिक्षा विभाग, आंगनबाड़ी, पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास, खाद्य विभाग आदि विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे तथा स्क्रीन के माध्यम से भी जानकारी दी गयी।