Thursday, April 25, 2024
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चल अकेला चल अकेला….दो लजों की यह प्रेम कहानी….

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। आज की व्यस्त आपाधापी भागदौड़ की जिन्दगी में मन मस्तिश्क को आराम देने के लिए मनोरंजन सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद परिजनों मित्र आदि के साथ षामिल होना जहाॅं जरूरी है वहीं यदि कोई या समूह अच्छा कार्य करता है, अच्छे कार्य करने के अनेक क्षेत्र व अनेक विधाएं हैं। व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में मेहनत व लगन से आगे बढ़कर अपना तथा देष का नाम रोशन कर सकता है तो उसकी प्रशंसा व प्रोत्साहन भी जरूरी है जो किसी भी रूप में हो सकता है। हम सभी लोग अच्छे कार्यों की परम्पराओं को बढ़ा सकें जनपद देश व समाज को विकास उन्नति की ओर ले जाएं यही भावना रहे। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में इन वाक्यों को दोहराते हुए एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह व एडीएम प्रशासन शिव शंकर गुप्ता ने रनियां स्थित राही रेस्टोरेन्ट में आयोजित आईआईए द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह के समापन के अवसर पर व्यक्त किये। कार्यक्रम में अधिकारियों और उद्यमियों द्वारा संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे पियानो पर उंगलियों से अच्छी धुनों की संगीत की जादूगरी दिखाते गायक संगीत तिवारी, जुगुलबन्दी करती मानसी, तबला वादक व गिटार की संगत दे रहे युगलबन्दी फरमाइसी गीत दो लब्जों की यह प्रेम कहानी, रंग बरसे भींगी चुनर वाली रंग बरसे, तुडक तुडक, झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में, चल अकेला, चल अकेला, तुम्हारी नजर क्यो खता हो गयी खता बक्स दो खता हो गयी…आदि गाये तो उद्यमी व उनके पदाधिकारी डिजीवन चेयरमैन सुनील पाण्डेय, चेयरमैन आलोक जैन, जनरल सिके्रेटरी रोहित ब्रजपुरिया, मृदुल जैन, राजीव पाण्डेय, आरके विश्वकर्मा, राजीव माहेश्वरी आदि अपने को थिरकने से न रोक सके। परिंदों को उड़ने में वक्त तो लगता है, गांठ अगर लग जाए तो डोरी हो या रिश्ते खुलने में वक्त लगता है। शहर शहर, डगर डगर जाना है मुझको कहाॅं, तेरे बगैर जिन्दा हूॅं मैं ढूंढू तुझे मैं कहाॅं। चलते-चलते मेरे गीत याद रखना, कभी अलविदा न कहना। होली मिलन कार्यक्रम में जब रंग बरसेंगे, चंदन एवं फूलों के साथ, होगी थोड़ी हंसी ठिठोली की मस्ती में उद्यमी व अधिकारियों व कम्पनी के कर्मचारियों ने आकर्षक गीतों की प्रस्तुति दी। युवा कलाकारों द्वारा स्टेज से जब फरमाइस युगल गीत – मैं परदेश में था चांद निकला उस पार, चल अकेला-चल अकेला तेरा साथी छूठा, मेरा मन क्यो ललचाये, दो लजों की प्रेम कहानी व गजल तुमको देखा तो ये ख्याल आया, कहीं धूप कहीं छाया हिट गजलों व गीतों को सुनाया तो उद्यमी सुनील पाण्डेय, मनीष खरे, सत्येन्द्र कुमार, नीरज चैरसिया, रामजीवन मिश्रा, अदनान, विनोद मिश्रा आदि भी अपने को कलाकारों को वाह-वाह खूब कहने व थिरकने से न रोक सके। मेरे प्यारे वतन में ये होली वतन, प्यार का है निशाॅं, प्यार का है चलन, तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गयी, खता बक्श दो गर खता हो गयी, हम बने तुम बने एक दूजे के, लिए जैसे मधुर गीतों से जब कार्यक्रम का आगाज किया तो वरिष्ठ अधिकारी एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह, प्रशासन शिव शंकर गुप्ता, एडी सूचना प्रमोद कुमार, सीओ एके श्रीवास्तव, सुनील पाण्डेय, उपायुक्त उद्योग बन्धु नेहा सिंह आदि ने वाह-वाह कह तथा तालियाॅं बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम समापन का संचालन पर्यावरण मित्र नवीन दीक्षित उर्फ हीरा ने सकुशल किया। इस मौके पर कंचन मिश्रा, कृषक रामगपोल कुशवाहा, अन्नपूर्णा देवी, श्रीकांती देवी, मीना कुशवाहा, दीपा खरे, सुमन चैरसिया, पूनम मौजूद रहीं।