Wednesday, May 8, 2024
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भौतिकवाद बनाम अध्यात्मवाद पुस्तक का विमोचन बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण कर किया

पुत्र ने वृद्ध पिता व समाजसेवी राम अधार की वैज्ञानिक दृष्टिकोण व सोच को आगे बढ़ाने समाज की समृद्धि व उन्नति को समर्पित पुस्तक भौतिकवाद बनाम अध्यात्मवाद का कराया विमोचन
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राजस्व अच्छी पुस्तकें व्यक्ति की सच्ची मित्र होती है जो कभी भी अहित नही करती बल्कि व्यक्ति को आगे बढ़ाने में सहायक होती है। पठन पाठन का भूत काल में भी महत्व था वर्तमान में है और भविष्य में भी रहेगा। किताबों का महत्व कभी भी कम नही होगा। पुस्तके पढने व शिक्षित होने से बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के मूलमंत्र शिक्षित बनो, ससंगठित बनो व संघर्ष करों मिशन के साथ ही समाज व देश को अधिक आगे बढ़ाने में सहायक होती है यह बात सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार कुर्वाखुर्द गांव में आयोजित बाबा साहब भारत रत्न डा0 बी आर अम्बेडकर के जयंती के अवसर पर डा0 योगेन्द्र कुमार ने अपने वृद्ध पिता व समाजसेवी राम अधार की वैज्ञानिक दृष्टिकोण व सोच को आगे बढ़ाने समाज की समृद्धि व उन्नति को समर्पित पुस्तक भौतिकवाद बनाम अध्यात्मवाद का विमोचन पर कही। उन्होंने कहा कि डा. योगेन्द्र कुमार भी अपने पिता राम अधार की भांति देश व समाज को समाजसेवी के रूप में में कार्य कर समाज को जागरूक कर नई दिशा देने का कार्य कर रहे है। अपने पिता की पुस्तक भौतिकवाद बनाम अध्यात्मवाद पुस्तक की लगभग 5 हजार प्रतियां उनके द्वारा निःशुल्क बाटी जा चुकी है। लेखक राम अधार की भौतिकवाद बनाम अध्यात्मवाद 286 पृष्ठ की पुस्तक नोवल के आकार के रूप में साफ सुथरी है। पुस्तक में अपने प्राकृतिक नियम, समय तथा क्रम के अनुसार प्रगति में हो रही विभिन्न प्रकार की क्रियायें घटना, उत्पत्ति, सृजन, विकास, परिवर्तन आदि के आधार पर गढे गये समस्त काल्पनिक मिथ्या, झूठ, निरर्थक तथा मायावी अति मायावी शब्द किसी वस्तु का काल्पनिक मिथ्या झूठ, निरर्थक, अतिशय, महिमामण्डल, अलंकारिक, भाषा का प्रयोग, जानबूकर, समाज में अज्ञानता, विवेशशुन्यता था अन्धविश्वास फैलाने के लिए साहित्य की रचना आदि को पुस्तक में न लिखकर उनसे परहेज किया गया है। हमारा अपना, सबका अपना ज्ञान, जानकारी व अनुभव सीमित है अर्थात आज तक कोई औरत, आदमी सर्वज्ञ उत्पन्न नही हुआ है न ही भविष्य में हो सकता है। भौतिकवाद बनाम अध्यात्मवाद पुस्तक का विमोचन बाबा साहब डा0 बी आर अम्बेडकर व महामानव गौतम बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण व श्रृद्धासुमन अर्पित कर एडी सूचना प्रमोद कुमार द्वारा किया गया। ग्राम दलेल नगर डाकघर पुखरायां निवासी पुस्तक के लेखक समाजसेवी राम अधार का जन्म 5 दिसम्बर 1929 जो लगभग अब 89 वर्ष के होने व क्रान्तकारी विचारधारा बुद्ध व अम्बेडकर प्रेमी भी रहे है। पुस्तक का उद्देश्य लोगों के मनमस्तिष्क में वैज्ञानिक विचारधारा व जागरूकता को बढ़ाने के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण शब्दों की जानकारी देना है। पुस्तक प्रेम के सिलसिले में डा0 अम्बेडकर के एक वाक्या को सुनाते हुए एडी सूचना प्रमोद कुमार ने कहा कि बाबा साहब को किताबों का बड़ा शौक था, अमेरिका में अध्ययन के दौरान दो हजार किताबें खरीद कर भारत लाये, लंदन से जब पढ़कर वापस लौटे तब 34 बक्सों में किताबे भरकर भारत लाये। उस समय पं0 मदन मोहन मालवीय जी ने काशी विश्व विद्यालय (बीएचयू) के लिए के लिए दो लाख रूपये उस समय वर्तमान में करोड़ों रूपया इनकी किताबों को खरीदने के लिए बाबा साहब अम्बेडकर से अनुरोध किया था। परन्तु उन्होनें मना कर दिया, यह है उनकी महानता, वि़द्वता और पुस्तक प्रेम की गाथा, अतः सभी ग्राम वासी बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए किताबे खरीदने व शिक्षा ग्रहण करने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें। आयोजित कार्यक्रम में अम्बेडकर विचारगोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की भी आकर्षक प्रस्तुति हुई। कर्मचारी व समाजसेवी विजय कुमार वर्मा, रामसेवक वर्मा ने भौतिमवाद बनाम अध्यात्मवाद पुस्तक की समीक्षा के साथ ही बाबा साहब डा0 बी आर अम्बेडकर के जीवन परिचय व व्यक्त्वि पर कविता पाठ किया तथा विचारों से जानकारी दी। इस मौके पर समाजसेसवी सुशील कुमार ने कहा कि शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करों, बाबा साहब के मूल मंत्र पर चलकर देश व समाज को विकास की ओर ले जाने में अग्रसर होने का भी आहवान किया। उप प्रधानाचार्य उमाशंकर कमल, अभियंता ओपी सिंह, शिक्षक दिनेश कुमार संखवार, डा0 महेन्द्र कुमार, सुरेश बाबू, मुन्ना लाल बाजपेयी, अजय कुमार फौजी, प्रदीप कुमार संखवार, आरके प्रेमी, गीता गौतम, शशि सिंह, नीलू कुमार, अजीत बौद्ध, पुष्पा देवी, मीना कुशवाहा, रामगोपाल, अन्नपूर्णा देवी, प्रिया, इन्द्राणी देवी, आदेश गौतम, विनोद बौद्ध, आरबी गौतम, उमाशंकर कमल आदि ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित कर भारत रत्न डा0 बी आर अम्बेडकर के जीवन परिचय, व्यक्तित्व व उनके द्वारा किये गये कार्येाे को विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्रधान व समाजसेवी विनोद बौद्ध द्वारा किया गया।