Thursday, March 28, 2024
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डाक विभाग की पहल 330 गाँव बने सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम

2 लाख 23 हजार बेटियों के डाकघरों में खुले सुकन्या खाते, 01 अरब 47 लाख रूपये हुए जमा
जोधपुर, राजस्थान, जन सामना ब्यूरो। ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आरम्भ की गई ’सुकन्या समृद्धि योजना’ में जोधपुर पोस्टल रीजन ने पहल करते हुए नई इबारत लिखी है। इसके तहत जहाँ 10 साल तक की बेटियों के खूब खाते खोले गए हैं, वहीं कई गाँवों में सभी बेटियों के खाते खुलवाकर उन्हें सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया है।  इस सम्बन्ध में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि जोधपुर रीजन में अब तक 330 गाँवों को संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया गया है। इन गाँवों में दस साल तक की सभी योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते डाकघर में खोले जा चुके हैं। इनमें भी 276 संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान बनाए गए हैं। यही नहीं, इन गाँवों में यदि किसी घर में बेटी के जन्म की किलकारी गूँजती है तो डाकिया तुरंत उसका सुकन्या खाता खुलवाने हेतु पहुँच जाता है। डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाये गए इस कदम के तहत जोधपुर रीजन के डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत लगभग 2 लाख 23 हजार खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें करीब 01 अरब 47 लाख रूपये जमा हुए हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी, 2015 में ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना का आगाज किया था। इसके तहत किसी भी डाकघर में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। वर्तमान में ब्याज दर 8.1 प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।
डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ है। इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी।