हाथरस, जन सामना ब्यूरो। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के तहत विशाल जनसंख्या वाला हमारा देश भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है। लेकिन उपलब्ध 70-75 लाख ही यूनिट ही हो पाता है। यानी करीब 25-30 लाख यूनिट रक्त के अभाव में हर साल सैकड़ों मरीज दम तोड़ देते हैं।
यूनीवर्सल ह्यूमेन राइट्स काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वाष्र्णेय ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार केवल दो प्रतिशत और अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताओं का रक्तदान के लिये आगे आना ही सैकड़ों लोगों की जिन्दागियों को बचाया जा सकता है।
भारत की आबादी भले ही सवा अरब पहुंच गई हो, रक्तदाताओं का आंकड़ा कुल आबादी का एक प्रतिशत भी नहीं पहुंच पाया है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कुल रक्तदान का केवल 59 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान होता है। बाकी अपने परिवारीजन व जानकारों के लिये मजबूरी में रक्तदान करते हैं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य देवेन्द्र गोयल ने कहा है कि आओ हम सब मिलकर इस अभिशाप को मिटायें और स्वैच्छिक रक्तदान एक अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर ब्लड बैंक बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय हाथरस में रक्तदान कर कदम से कदम मिलायें। जिला अध्यक्ष विमलेश बंसल, जिला महासचिव शैलेन्द्र सांवलिया, जिला कोषाध्यक्ष हीरेन्द्र वाष्र्णेय ने भी रक्तदान करने की अपील की है।