कानपुर, जन सामना ब्यूरो। नमामि गंगे बड़ी परियोजना हैं और इसे निर्धारित समय में पूरा करना है। राष्ट्रीय गंगा मिशन को चाहिए कि वह स्थानीय कार्यदाई संस्था को भी सम्मिलित करें जैसे नगर निगम एवं केडीए। इसमें होने वाले कार्यो के समस्त टेण्डर 20 नवम्बर तक पूरे करा लिए जायें। इस योजना में नगर के समस्त घाटों के निर्माण, मरम्मत, सफाई का कार्य पूरा कराकर शहर को नया स्वरूप भी दिया जाये, उक्त निर्देश मण्डलायुक्त मो. इफ्तेखारुद्दीन ने अपने शिविर कार्यालय में आयोजित नमामि गंगे परियोजना कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो की प्रगति के सम्बन्ध में दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि सीसामऊ स्थित 5 नालों का डायवर्जन कार्य शीघ्र पूरा कराया जाये। यह कार्य उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा कराया जा रहा है। इस पर 63-80 लाख रूपये खर्च होने अनुमान है।
मण्डलायुक्त ने कहा कि सीवर लेन निर्माण में 370 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है और यह कार्य भी जल निगम द्वारा सम्पन्न होगा। दोनों कार्यो की मेंटिनेंस इसी संस्था द्वारा 5 वर्ष तक कराई जायेगी। बिठूर सीवर योजना यह वर्ल्ड बैंक की है जिसमें 31 किमी तक सीवर लाइन डाली जायेगी, इस प्रोजेक्ट की एनओसी के लिये वर्ल्ड बैंक को भेजा जायेगा मण्डलायुक्त ने निर्देशित किया कि सम्बन्धित विभाग स्वयं जाकर वहां से एनओसी लाये। उन्होंने बताया कि निर्माण एजेंसी ईआईएल उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे घाटों के लिये सर्वे करती है इसकी डीपीआर शीघ्र तैयार कराकर केडीए को कार्यदायी संस्था बनाया जाये।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के समस्त कार्य केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर पूरा करेंगे। समीक्षा में यह भी पाया गया कि 14 घाटों का निर्माण होना है। उन्होंने कहा कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिये भारत सरकार के आदेशों का पालन किया जायेगा और राज्य सरकार भी कम से कम प्रतिक्रियाओ को अपनाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी कानपुर नगर कौशल राज शर्मा, केडीए उपाध्यक्ष जयश्री भोज, नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह, समन्वयक नीरज श्रीवास्तव, अतिरिक्त मिशन निदेशक राष्ट्रीय गंगा मिशन दिल्ली हरि हर मिश्र समेत सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।