Sunday, May 19, 2024
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जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए ग्राम स्तर तक अभियान चलाने हेतु मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के प्रति जनमानस में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ग्राम स्तर, तहसील स्तर एवं जनपद स्तर पर प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 22 जून, 2019 को जल संरक्षण कार्यों के शुभारम्भ के रूप में श्रमदान कार्यक्रम तहसील स्तर पर आयोजित कराया जाये। उन्होंने कहा कि श्रमदान कार्यक्रमों में जनपद के प्रभारी मंत्रिगणों को आमंत्रित किये जाने के साथ-साथ जनपद स्तरीय अधिकारी स्वयं कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद गोरखपुर में आगामी 22 जून को जल संरक्षण कार्यों के शुभारम्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी स्वयं भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की बैठकें बुलाकर जल संचय हेतु ग्रामवासियों को प्रधानमंत्री जी द्वारा भेजे गये पत्र को पढ़कर सुनाया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज योजना भवन में वीडियोकान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों सहित सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को दे रहे थे। उन्होंने ‘‘खेत-तालाब योजना‘‘ का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराकर वर्षा जल को अधिक से अधिक संचित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बुंदेलखण्ड के जनपदों सहित अन्य जनपदों में भी आवश्यकतानुसार तालाबों की खुदाई कराकर जल संचय कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रही नदियों का जीर्णोद्धार कराकर पुर्नजीवित कराने हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जनपदों में आवश्यकतानुसार नदियों कीे सफाई एवं प्रदूषण रहित जल-प्रवाह की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की जल संचय प्रमुख प्राथमिकता कार्यक्रमों में से एक है, जिसके सफल क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी जनपद स्तर पर एक्शन प्लान बनाकर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चत करायें।
डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने यह भी निर्देश दिये हैं कि आगामी 22 जून को तालाबों एवं नहरों एवं पोखरों आदि की खुदाई श्रमदान के कार्यक्रम व्यापक स्तर पर आयोजित कराये जायें। उन्होंने जल संरक्षण हेतु राष्ट्रीय अभियान के संचालन कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार जनपद स्तर सहित प्रदेश स्तर पर कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि खेतों की मेड़बंदी, नदियों और धाराओं में चेक डैम का निर्माण और तटबंधी, तालाबों की खुदाई एवं सफाई वर्षा के जल संरक्षण हेतु जलाशय आदि का बड़ी संख्या में निर्माण कराया जाये। उन्होंने कहा कि खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में संचित कराने हेतु व्यापक कार्यक्रम चलाया जाये।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये हैं कि कुम्हार वर्ग के लोगों को तालाबों से मिट्टी निकालने हेतु निःशुल्क पट्टा दिलाकर उनके जीविकोपार्जन हेतु अधिक से अधिक अवसर प्रदान कराये जायें। उन्होंने कहा कि शहरों एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में घरों, व्यवसायों और संस्थानों द्वारा छतों पर भी वर्षा जल संचय कराये जाने हेतु आवश्यकतानुसार कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें। जल स्तर में गिरावट के कारण पेयजल के स्रोत लगातार कम होते जा रहे हैं एवं देश के साथ सम्पूर्ण विश्व पेयजल की समस्या से प्रभावित हो रहा है। देश में मानसून के मौसम में देरी के कारण देश के कई हिस्से पानी की समस्या से प्रभावित हो सकते हैं बल्कि कुद क्षेत्रों को सूखे की स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में मानसून मौसम का आरम्भ हमें यह अवसर देता है कि प्राकृतक रूप से वर्षा जल के संचयन के साथ भू-जल संसाधनों का संवर्द्धन की दिशा में संयुक्त रूप से विशेष प्रयास आरम्भ किया जाये।
वीडियोकान्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण, कल्पना अवस्थी, सूचना निदेशक शिशिर सहित सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।